म्यांमार और आबू धाबी में फंसे हैं 60 कामगार

जागरण संवाददाता हजारीबाग कोरोना संकट के बाद से हजारीबाग में करीब 70 हजार कामगार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 07:51 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 07:51 PM (IST)
म्यांमार और आबू धाबी में फंसे हैं 60 कामगार
म्यांमार और आबू धाबी में फंसे हैं 60 कामगार

जागरण संवाददाता, हजारीबाग : कोरोना संकट के बाद से हजारीबाग में करीब 70 हजार कामगार लौट चुके हैं। देश के कोने-कोने और विदेशों से लोग अपने घरों को लौटे। लेकिन इन सबके बीच हजारीबाग के विष्णुगढ़ समेत सीमावर्ती जिले के गोमिया और बगोदर के करीब 60 कामगार विदेशों में मुसीबत झेल रहे हैं। इनके कंपनी का काम ठप पड़ा है। वेतन बंद है और अब तक वापसी का भी कोई रास्ता नही निकल सका है। ये सभी मजदूर म्यांमार और आबूधाबी में फंसे हैं। म्यांमार में 25 कामगार तो आबूधाबी में 26 मजदूर फंसे हैं।

इन कामगारों ने परिजनों से संपर्क कर बताया कि इनकी स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। आबूधाबी के फंसे कामगार ट्रांसमिशन लाइन में काम कर रहे थे। इन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया है कि उनके पास खाने को पैसे नही हैं। विष्णुगढ़ जोबर के धानेश्वर कुमार ने वीडियो में बताया है कि मार्च माह से काम बंद होने के बाद से कंपनी ने पैसे नही दिए। यहां तक कि पूरे दिन में सिर्फ एक बार खाना दिया जा रहा है। कंपनी हर बार कहती है उन्हें जल्द भेज दिया जाएगा लेकिन अब तक कोई पहल नही की है। संकट में हमें अब कुछ समझ में नही आ रहा है कि क्या किया जाए। यहां विष्णुगढ़ के पांच, गिरिडीह बगोदर के 17 और बोकारो गोमिया के 5 कामगार फंसे हैं।

वही म्यांमार में फंसे 25 कामगार भी ट्रांसमिशन लाइन से जुड़े हुए हैं। फरवरी माह में वहां पहुंचे थे। लेकिन, अगले माह ही कोरोना संकट के बाद काम बंद हो गया। यहां फंसे मजदूर बताते हैं कि घर वापसी के लिए इंफ्रा कंपनी से कई बार गुहार लगाई है लेकिन, वापसी नही हो पाई है। इसके लेकर इनके परिजनों ने मांडू विधायक जेपी पटेल से संपर्क किया है। कामगारों की परेशानी को देखते हुए जेपी पटेल ने भी मुख्यमंत्री समेत विदेश मंत्री को पत्र लिखकर कामगारों की वापसी का आग्रह किया है।

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