सीआरपीएफ के बड़कादोहर कैंप में जवानों के सेहत बिगाड़ रहे मच्छर

उपलब्ध संसाधनों से त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना हमारा प्रथम दायित्व बनता है। पुलिस के जवान आंतरिक सुरक्षा के लिए प्रतिकूल मौसम में भी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। शांति व्यवस्था लौटा रहे हैं। देश सेवा में उनकी भूमिका।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 09:40 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 09:40 PM (IST)
सीआरपीएफ के बड़कादोहर कैंप में जवानों के सेहत बिगाड़ रहे मच्छर
सीआरपीएफ के बड़कादोहर कैंप में जवानों के सेहत बिगाड़ रहे मच्छर

रमेश कुमार पाण्डेय, गुमला : मलेरिया टाइफाइड और डायरिया जैसी खतरनाक जैसे जानलेवा बीमारी से बिशुनपुर प्रखंड के बड़कादोहर सीआरपीएफ कैंप में नक्सल समस्या से आम जनता को निजात दिलाने वाले सीआरपीएफ के जवान के स्वास्थ्य पर लगातार प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिससे दिन प्रतिदिन जवानों का स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है। जंगल के बीच पुलिस कैंप होने के कारण मच्छरों का बढ़े प्रकोप ने जवानों के सेहत को बिगाड़ने का काम किया है। झारखंड सशस्त्र पुलिस 7 हजारीबाग के समादेष्टा ने गुमला के सिविल सर्जन को चार अक्टूबर 2019 को लिखे गए पत्र में जवानों के गिरते स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाने और दवा उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया है। समादेष्टा ने लिखा है कि पुलिस कर्मियों को ड्यूटी करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

जंगली एवं पहाड़ी इलाको में नक्सलियों के बढ़े आतंक और आम जनता की सुरक्षा के साथ-साथ विकास योजनाओं के क्रियान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत जंगल के बीच के गांव बनालात, जोरी, जमटी, बड़कादोहर में सीआरपीएफ और पुलिस कैंप की स्थापना की गई थी। बनालात एक्शन प्लान लागू किया गया था। जंगल में लगातार सर्च अभियान चलाए जाने और माओवादियों द्वारा छुपा कर रखे गए विस्फोटक को बरामद किए जाने पर पुलिस महकमा गर्व से इतराता रहा। सरकार नक्सल उन्मूलन में मिली सफलता पर इतराती रही लेकिन जवानों के स्वास्थ्य सुविधाओं का बिल्कुल ही ख्याल नहीं रखा गया। जंगली इलाका होने और वर्षा का पानी जमने के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। जवान सोने के दौरान या सर्च अभियान में मच्छरों के काटने से लगातार बीमार पड़ते जा रहे है। इससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अस्वस्थ्य जवानों से नक्सल उन्मूलन अभियान में मिली सफलता को बरकरार रखने की उम्मीद नहीं की जा सकती। लिहाजा हजारीबाग के समादेष्टा ने सिविल सर्जन को कड़ा पत्र लिखा है। सिविल सर्जन ने जारी किया निर्देश

गुमला के सिविल सर्जन डा.विजया भेंगरा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सीआरपीएफ कैंप बड़कादोहर में पदस्थापित पदाधिकारियों और चिकित्सा कर्मियों द्वारा जवानों के स्वास्थ्य का जांच कराए जाने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इस संबंध में निर्देश दिया गया था लेकिन इस संबंध में उनके द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। उक्त पुलिस पिकेट में यथा शीघ्र टीम गठित कर चिकित्सीय कार्य करते हुए उसका प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया है। कोट

उपलब्ध संसाधनों से त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना हमारा प्रथम दायित्व बनता है। पुलिस के जवान आंतरिक सुरक्षा के लिए प्रतिकूल मौसम में भी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। शांति व्यवस्था लौटा रहे हैं। देश सेवा में उनकी भूमिका अतुलनीय और अनमोल है। हम उन्हें हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

डा.विजया भेंगरा

सिविल सर्जन,गुमला

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