गुमला के पूर्वी क्षेत्र में फिर पांव पसार रहा है पीएलएफआइ संगठन
जहां जहां चलती है ठेकेदारी वहां वहां लेवी वसूलने के लिए हमला करने और दहशत फैलाने के काम को विफल करने में गुमला पुलिस पूरी तरीके से असफल साबित हो रही है। गुमला प्रखंड के पूर्वी भाग के कलिगा गांव में सोमवार की रात में सड़क निर्माण में लगे वाहनों और उपकरणों पर किया गया हमला लेवी वसूली से सीधा सीधा जुड़ा हुआ है। हमला की जानकारी पुलिस को मिली है।
गुमला: जहां जहां चलती है ठेकेदारी वहां वहां लेवी वसूलने के लिए हमला करने और दहशत फैलाने के काम को विफल करने में गुमला पुलिस पूरी तरीके से असफल साबित हो रही है। गुमला प्रखंड के पूर्वी भाग के कलिगा गांव में सोमवार की रात में सड़क निर्माण में लगे वाहनों और उपकरणों पर किया गया हमला लेवी वसूली से सीधा सीधा जुड़ा हुआ है। हमला की जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर एक दुकानदार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। लेकिन पुलिस हमले के बाद का खुलासा करने से परहेज कर रही है। जब जब नई योजनाएं उस क्षेत्र में आरंभ होती है तब तब लेवी मांगने वालों की बाढ़ आ जाती है। पहले यह क्षेत्र पीएफआइ का प्रभाव वाला रहा है। लेवी मांगने वाले अपने को पीएलएफआइ का हार्ड कोर सदस्य बताकर लेवी मांगने का काम कर रहे हं। जब जोलेा घाट से टैसेरा तक सड़क निर्माण का काम आरंभ हुआ था तब मुरकुंडा से पहले अंबागढ़ा में पोकलेन जलाने की घटना हुई थी। सरकार एक ओर विकास का आधारभूत संरचना से जनता को आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। तो दूसरी ओर उस प्रयास को विफल करने के लिए उग्रवादी और आपराधिक हमलाएं करने का भी इतिहास रहा है। जब भी नई योजनाएं आरंभ होती है गुमला पुलिस सोई रहती है। हमला से ही गुमला पुलिस की नींद टूटती है। सोमवार की रात मे कलिगा में हुई घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस वहां गई और अपना अनुसंधान आरंभ किया। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर जिस व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में ली है। वह व्यक्ति गांव में छोटी सी दुकान चलाकर अपनी जीविका चला रहा है। दुकानदार को हिरासत में लिए जाने के बाद ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। ग्रामीणों की शिकायत है कि पुलिस असली हमलावर व अपराधियों को पकड़ नहीं पाती है और निर्दोष को पकड़कर अपना खानापूर्ति कर रही है। पकड़ा गया दुकानदार पूरी तरह से निर्देोष है। इसलिए वे लोग गुमला थाना आए हैं। प्रशासन को हकीकत से अवगत कराने और निर्देोष को छुड़ाने के लिए ग्रामीण पहुंचे हैं।यदि पुलिस निर्देाष को फंसाती रही तो फिर यह क्षेत्र अशांत हो जाएगा। लेवी वसूलने के लिए हमला करने वालों का मनोबल बढ जाएगा। थानेदार राकेश कुमार ने रटी रटाई भाषा में कहा कि हमला करने वाले के खिलाफ किसी ने अब तक शिकायत नहीं की है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई कर रही है। उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई तो हिरासत मे ंलेने का आधार और कारण क्या है?