10 लाख के इनामी जोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण, 2 दशक तक रहा माओवादी संगठन से जुड़ाव Gumla News

Jharkhand. गुमला पुलिस लाइन में आयोजित आत्मसमर्पण कार्यक्रम में डीआइजी ने बताया कि भूषण यादव कोयल शंख जोन के जोनल कमांडर के रूप में संगठन का दायित्व निभा रहा था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 19 Sep 2019 05:10 PM (IST) Updated:Thu, 19 Sep 2019 10:27 PM (IST)
10 लाख के इनामी जोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण, 2 दशक तक रहा माओवादी संगठन से जुड़ाव Gumla News
10 लाख के इनामी जोनल कमांडर ने किया आत्मसमर्पण, 2 दशक तक रहा माओवादी संगठन से जुड़ाव Gumla News

गुमला, जासं। दस लाख रुपये के इनामी प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर भूषण यादव उर्फ चन्द्रभूषण यादव उर्फ भूषण ने गुरुवार को गुमला के पुलिस लाइन में सरेंडर कर दिया। इस मौके पर दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक अमोल विनूकांत होमकर, उपायुक्त शशिरंजन और एसपी अंजनी कुमार झा मौजूद थे। गुमला पुलिस लाइन में आयोजित आत्मसमर्पण कार्यक्रम में डीआइजी ने बताया कि भूषण यादव कोयल शंख जोन के जोनल कमांडर के रूप में संगठन का दायित्व निभा रहा है।

1995-96 में भूषण यादव ने भारत नौजवान सभा से जुड़कर काम करना आरंभ किया था। 1997 में इस संगठन पर प्रतिबंध लग जाने से मदनपाल द्वारा गठित पार्टी यूनिट में सक्रिय रूप से शामिल हो गया। 1998 में मनिका बनालात बिशुनपुर गुरदारी क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया गया। 2003 से जोनल कमांडर के रूप में डुमरी चैनपुर बिशुनपुर घाघरा और गुमला क्षेत्र में आतंक फैलाता रहा। इसके संगठन में कुख्यात माओवादी बुद्धेश्वर उरांव, सिलवेस्टर, प्रसाद लकड़ा, जोसेफ दिलवर आदि शामिल थे।

2009 में यह माओवादी इलाज कराने के दौरान कलकत्ता में गिरफ्तार हुआ था। 2015 में जेल से बाहर निकला। मुकदमा लड़ने का पैसा नहीं होने के कारण 2015 में नकुल यादव से संपर्क कर फिर संगठन में शामिल हो गया था। तब से वह गुमला और बूढ़ा पहाड़ के इलाकों में सक्रिय था। कुछ दिन पहले यह पुलिस के संपर्क में आया और आत्मसर्पण करने की इच्छा जाहिर की। आज उसने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर कर दिया।

मिलेंगी सभी सुविधाएं

दक्षिणी छोटानागपुर प्रक्षेत्र, रांची के डीआइजी अमोल विणूकांत होमकर ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले भूषण यादव को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सारी सुविधाएं दी जाएगी। उन सुविधाओं में इनाम की राशि, अावास निर्माण के लिए जमीन और पैसे, भविष्य में रोजगार करने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण, पुत्र-पुत्रियों को स्नातक स्तर पर शिक्षा की व्यवस्था, स्वनियोजन के लिए बैंकों से ऋण, इसके और परिवार के सदस्यों के लिए जीवन बीमा के प्रीमियम की सुविधा दी जाएगी।

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