साबुन उत्पादन कर आदिवासी महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी

गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के कल्हाजोर गांव में सोमवार को आदिवासी महिलाओं को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 07:44 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 07:44 PM (IST)
साबुन उत्पादन कर आदिवासी महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी
साबुन उत्पादन कर आदिवासी महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी

गोड्डा : जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के कल्हाजोर गांव में सोमवार को आदिवासी महिलाओं को जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवीहुड प्रोमोशन सोसायटी) की ओर से स्वरोजगार की नई मुहिम शुरू की गई। वहां प्रगति महिला समूह से जुड़ीं 22 महिलाओं को साबुन बनाने की विधि बताई जा रही है। पांच दिवसीय अभियान के दौरान ही उन्हें प्रायोगिक प्रशिक्षण देकर साबुन तैयार करने का गुर सिखाया जा रहा है।

जेएसएलपीएस के जिला समन्वयक सुशील दास ने बताया कि इसके लिए रांची से मास्टर प्रशिक्षकों की टीम आई है। पलाश ब्रांड के तहत सुंदरपहाड़ी के कल्हाजोर ग्राम में सखी मंडल के द्वारा साबुन उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से गठित प्रगति महिला उत्पादक समूह में साबुन उत्पादन के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण देने के साथ साथ उत्पादन का कार्य प्रारंभ कर दिया है। कल्हाजोर गांव में सात महिला समूह की 22 सदस्यों ने अंशदान कर पूंजी जमा करते हुए अभी साबुन उत्पादन हेतु उत्पादक समूह का गठन किया है। इस उत्पादक समूह को विशेष फंड उपलब्ध कराया जाएगा ताकि पलाश ब्रांड के तहत बनने वाले साबुन की पहचान जिला एवं राज्य स्तर पर हो सके।

मौके पर बीडीओ विजय प्रकाश मरांडी ने कहा कि प्रखंड के अन्य गांवों में भी सखी मंडल की ओर से ऐसी पहल कराई जाएगी। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे पलाश ब्रांड साबुन का उपयोग कर महिला उद्यमियों के कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद करें। प्रशिक्षक विनय ने महिलाओं को साबुन बनाने की तकनीकी विधि बताई। प्रशिक्षण स्थल पर बीपीएम चंदन कुमार आचार्य, नीरज प्रसाद दास, मुखी टुडू आदि थीं। पहले दिन एलोबेरा फ्लेवर के साथ साबुन बनाया गया है। इसके अगले चरण में गुलाब, चंदन, लेमन सहित मल्टी फ्लेवर के साबुन बनाए जाएंगे।

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