सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मानवाधिकार पर हस्तक्षेप गैर संवैधानिक : रंजीत

गोड्डा भीम आर्मी के प्रदेश संयोजक रंजीत कुमार ने गोड्डा के आरटीआइ कार्यकर्ता प्रदीप क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 07:12 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 07:12 PM (IST)
सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मानवाधिकार पर हस्तक्षेप गैर संवैधानिक : रंजीत
सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मानवाधिकार पर हस्तक्षेप गैर संवैधानिक : रंजीत

गोड्डा : भीम आर्मी के प्रदेश संयोजक रंजीत कुमार ने गोड्डा के आरटीआइ कार्यकर्ता प्रदीप कुमार विद्यार्थी के द्वारा आपबीती सुनाते वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने हुए कहा कि प्रदीप विद्यार्थी के घर जाकर बिना सर्च वारंट की तलाशी करना गैर कानूनी है। एक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता के सामाजिक मानवाधिकार से जुड़ा हुआ है। बताय कि मानवाधिकार का हनन करने का अधिकार किसी भी कानून में नहीं दिया गया है। कई अन्य संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर के खिलाफ, रिजर्वेशन के खिलाफ, हिन्दू-मुस्लिम के शब्दों पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जैसा पोस्ट करता है। लेकिन उनपर अभी तक कोई कार्यवाही नही होती है। संविधान सभी को एक नजर से देखता है। बताया कि प्रशासन को गरीब, पिछड़ों पर दबंगों के द्वारा अत्याचार जैसे मामलों अविलंब कार्यवाही हो। गरीब व पिछड़े समुदाय के लोगों को भी न्याय मिलें। भारतीय संविधान गरीब व अमीर में भेदभाव नही करती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब फेसबुक, ट्विटर, लिकड इन, व्हाट्स एप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉ‌र्म्स पर कोई भी पोस्ट डालने पर किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। इससे पूर्व धारा 66 ए के तहत पुलिस को अधिकार हासिल था, कि वह इंटरनेट पर लिखी गई बात की बुनियाद पर किसी को गिरफ्तार कर सकती थी। देश की सर्वोच्च अदालत में दायर की गई याचिकाओं में आईटी एक्ट की धारा 66 ए को चुनौती दी गई थी। रंजीत कुमार ने प्रेस के माध्यम से पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं के मानवाधिकार का हनन ना हो। इसलिए ऐसे मामले को वे स्वयं निरीक्षण करें ताकि आम जनता व पुलिस प्रशासन में आपसी मधुरता का सबंध को मजबूती मिले।

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