ब्रिज कोर्स से जुड़ेंगे ड्रापआउट बच्चे

जागरण संवाददाता गोड्डा छह से 14 वर्ष के ड्रापआउट बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:34 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:34 PM (IST)
ब्रिज कोर्स से जुड़ेंगे ड्रापआउट बच्चे
ब्रिज कोर्स से जुड़ेंगे ड्रापआउट बच्चे

जागरण संवाददाता, गोड्डा: छह से 14 वर्ष के ड्रापआउट बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार ने एक नई व्यवस्था शुरू की है ब्रिज कोर्स। यह व्यवस्था ड्राप आउट बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए एक पुल की तरह है। जब तक स्कूल पूरी तरह नहीं खुल जाते हैं तब तक आनलाइन व आफलाइन दोनों तरीकों से बच्चों को पढ़ाया जाएगा। ऐसे बच्चों को कोर्स से जोड़ने के लिए अभिभावकों को भी प्रेरित किया जाएगा। विभाग ने इस काम के लिए विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को जिम्मेदारी भी सौंप दी है। इस कोर्स के मापदंड में वैसे बच्चों को भी शामिल किया जाएगा जिनका नाम स्कूल में तो है लेकिन वो विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। उन्हें भी ड्रापआउट बच्चों की श्रेणी में रखा गया है।

कोरोना काल में बढ़े ड्रापआउट:

कोरोना काल में इस बार 2021 में ड्रापआउट बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। परियोजना निदेशक डा. शैलेश कुमार चौरसिया ने बताया कि राज्य के ड्रापआउट बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सेतु क्लास का आयोजन होगा और झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद हेतु क्लास के लिए ब्रिज कोर्स तैयार कर रहा है। संक्रमण कम होने और स्कूल खुलने के बाद सभी जिले में विस्तार से इसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा।

शिक्षकों को दी जाएगी जिम्मेदारी : ड्रापआउट बच्चों का स्कूल के क्षेत्रवार आंकड़ा निकाला जा रहा है। इस आंकड़े को संबंधित स्कूल को भेजा जाएगा। वहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक, प्रभारी शिक्षकों को विद्यालय प्रबंध समिति का दायित्व होगा कि वे बच्चे जो स्कूल शिक्षा नहीं पा रहे हैं, उन्हें जोड़ें। संबंधित क्षेत्र के उसी इलाके के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में सभी को पता होगा कि किस घर का बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है। और इसका कारण क्या है? सभी संबंधित बच्चों के अभिभावकों को समझाएंगे और बच्चे को स्कूल भेजने और पढ़ाने की आग्रह करेंगे। उन्हें एक निश्चित समय सीमा दी जाएगी। जिसमें ड्रापआउट बच्चे कोई स्कूल में नामांकित करते हुए उनके लिए चलाए जाने वाले सेतु क्लास को पूरा करेंगे।

हर क्लास का तैयार होगा ब्रीज कोर्स : ड्रॉपआउट बच्चों को पढ़ाने के लिए हर क्लास के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया जाएगा। एक-दो महीने के ब्रिज कोर्स को पूरा करने के बाद बच्चे को संबंधित क्लास में नाम अंकित कराया जाएगा। सभी शिक्षकों विद्यालय प्रबंधन समिति माता समिति पर एक से दो ऐसे बच्चों को स्कूल में नाम अंकित कराने की जिम्मेदारी होगी।

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ड्रापआउट बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने का रोडमैप तैयार हो रहा है। शिक्षा परियोजना परिषद ऐसे बच्चों के लिए सेतु क्लास शुरू करने की तैयारी में है। लाकडाउन के बाद हजारों की संख्या में बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हैं। उन्हें आनलाइन शिक्षा के साथ-साथ आफलाइन शिक्षा भी नहीं मिल रही है। ब्रिज कोर्स से उन्हें जोड़ा जाएगा। कोरोना की लहर खत्म होते ही स्कूलों में इसका अभियान चलेगा। - फूलमणी खलको, डीएसइ, गोड्डा।

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