महिलाओं ने भी जांच रिपोर्ट पर उठाई अंगुली

ुमरी (गिरिडीह) : मंगरगड्डी में भूख से हुई सावित्री देवी की मौत के लिए न केवल प्रशासनिक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jun 2018 05:52 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jun 2018 05:52 PM (IST)
महिलाओं ने भी जांच रिपोर्ट पर उठाई अंगुली
महिलाओं ने भी जांच रिपोर्ट पर उठाई अंगुली

ुमरी (गिरिडीह) : मंगरगड्डी में भूख से हुई सावित्री देवी की मौत के लिए न केवल प्रशासनिक अधिकारी बल्कि बैंक पदाधिकारी व कर्मी भी जिम्मेवार है। जनप्रतिनिधि भी इसके लिए कम दोषी नहीं हैं। प्रशासन और संबंधित विभाग के पदाधिकारी ने भूख से तड़प रही सावित्री और उसके परिवार की सुध नहीं ली तो बैंक पदाधिकारी व कर्मियों ने सावित्री को उसके खाते में पैसा आने की जानकारी नहीं दी। यदि जानकारी दी गई होती तो आज वह जीवित होती। सावित्री की मौत पर स्थानीय ग्रामीणों ने खुलकर अपना रोष प्रकट किया है। शुक्रवार को ग्रामीणों ने दैनिक जागरण को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उक्त सभी को जिम्मेवार ठहराया। ग्रामीणों ने जांच रिपोर्ट पर भी अंगुली उठाई है। इसे भ्रामक और गलत रिपोर्ट करार दिया है। खिरिया देवी ने कहा कि घर में अनाज रहता तो सावित्री की मौत नहीं होती। उसके पास राशन कार्ड नहीं था तो वह बेचारी राशन कहा से लाती। किरण देवी ने कहा सावित्री के बैंक खाता में चार माह पहले ही पैसा आ गया था और वह बैंक का चक्कर लगाती रही। दर्जनों बार वह बैंक चक्कर लगाई होगी, लेकिन बैंक वाले यही कहते रहे कि उसके खाता में पैसा नहीं आया है। उसकी मौत मामले में बैंक कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज होना चाहिए। सरस्वती देवी ने कहा कि सावित्री तीन दिन से भूख से तड़प रही थी। परिवार का मान-सम्मान बचाने के लिए उसने किसी से खाना नहीं मांगा। गुड़िया देवी का कहना है सावित्री के पुत्र मजदूरी करने बाहर गए थे। मानदेय नहीं मिलने के कारण वे मां को पैसे नहीं भेज सके। एसएचजी की मंजू देवी ने कहा कि सावित्री को उसने अपने स्तर से कई बार अनाज दिया था। तुलसी राम महतो ने कहा कि समय पर सहायता नहीं मिलने के कारण सावित्री दुनिया से चल बसी। सावित्री की मौत प्रशासन के लिए एक सबक है। किसी भी कार्यालय में जनता के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों का व्यवहार लोकसेवक का न होकर मलिक की तरह होता है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है।

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