खड़गधारी के गांव की सड़कें चकाचक, पानी के लिए हाहाकार

कोडरमा लोक सभा क्षेत्र के बगोदर विधान सभा क्षेत्र बनने के बाद बिरनी प्रखंड अंतर्गत बलिया पंचायत के पोखरिया गांव । यह गांव कुछ मायने में खास है। दरअसल निर्दलीय के पूर्व विधायक स्वर्गीय टिकैत खड़कधारी नारायण सिंह का यह पैतृक गांव है। 19

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Mar 2019 11:17 PM (IST) Updated:Sun, 31 Mar 2019 06:37 AM (IST)
खड़गधारी के गांव की सड़कें चकाचक, पानी के लिए हाहाकार
खड़गधारी के गांव की सड़कें चकाचक, पानी के लिए हाहाकार

सकलदेव पंडित, बिरनी (गिरिडीह): बिरनी प्रखंड अंतर्गत बलिया पंचायत के पोखरिया गांव कुछ मायने में खास है। दरअसल यह पूर्व विधायक स्व. टिकैत खड़गधारी नारायण सिंह का पैतृक गांव है। वर्ष 1980 में निर्दलीय रूप से विधायक बनने के पहले वे बिरनी प्रखंड के प्रमुख भी चुने गए थे। इसके बावजूद आज भी इस गांव के लोगों के दिलों में पानी पीने व कृषि के लिए सिचाई, बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य व बिजली को लेकर दर्द ही दर्द है। शुद्ध पीने के पानी की बात दूर, खेत भी यहां सूखे ही रहते हैं।

गांव से सटी इरगा, पॉस्को, गुरहा व पोखरिया नदी है। गांव तक पहुंचने के लिए चारों तरफ सड़क बनी है। यह प्रखंड व जिला मुख्यालय के मुख्य पथ से जुड़ा हुआ है। गांव के बीचों बीच दुर्गा मंडप है। इसके बगल में उत्क्रमित मध्य विद्यालय है। गांव में ठाकुर तुलसी नारायण प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय है, लेकिन बच्चों के भविष्य को देखते हुए यहां से सिर्फ परीक्षा देने के लिए स्थापना अनुमति मिली है। यह विद्यालय निजी है। उस समय चार भवन पूर्व विधायक ने बनाया था। विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने द्वारपहरी से पोखरिया, चिरुडीह तक कालीकरण सड़क बनवाई और कई गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने का काम किया। अब सरकारी विद्यालयों में शिक्षक की कमी से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। विद्यालयों में भवन की कोई कमी नहीं है। यहां चापाकल व कुआं रहने के बाद भी गांव का बुरा हाल है। कुआं व चापाकल का पानी पीने लायक नहीं है।

युवाओं ने कहा कि गांव में रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है। गांव के कृष्ण नारायण पांडेय का कहना है कि उस समय उन्होंने गांव का काफी विकास किया था। गांव में पहली बार बिजली लाई थी। सिचाई के लिए अब लघु सिचाई विभाग से तालाब का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उस तालाब से इस गांव के किसानों को लाभ मिलेगा।

कृष्ण नारायण पांडेय ने कहा कि वे 1980 से लेकर 1985 तक विधायक रहे थे। चमरू महतो ने कहा कि पहले जिस तरह गांव में समस्या थी, उस तरह की समस्या अब नहीं है। सरिता देवी ने कहा कि डिजिटल इंडिया के युग मे भी गांव में नेटवर्क की काफी समस्या है। गांव के बगल में मोबाइल टावर होने के बाद भी उनके मोबाइल में नेटवर्क नहीं रहता है।

chat bot
आपका साथी