मानसिक रूप से बीमार किशोर ने फांसी लगाकर दी जान

चचबिरनी के डडागिर निवासी कलीम अंसारी का 12 वर्षीय पुत्र अर्धविक्षिप्त आलिम अंसारी शनिवार लगभग दस बजे को अपने घर मे पंखे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है। घटना की सूचना बिरनी थाना को मिलते थाना प्रभारी सुरेश कुमार मंडल पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे। तबतक फांसी के फंदे से परिजनों ने उतार लिया था। घटना की जानकारी थाना प्रभारी ने परिजनों से लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 06:12 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 06:12 PM (IST)
मानसिक रूप से बीमार किशोर ने फांसी लगाकर दी जान
मानसिक रूप से बीमार किशोर ने फांसी लगाकर दी जान

बिरनी : थाना क्षेत्र के डडागिर निवासी कलीम अंसारी के 12 वर्षीय मानसिक रूप से बीमार पुत्र आलीम अंसारी ने शनिवार की सुबह करीब दस बजे घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने पर बिरनी थाना प्रभारी सुरेश कुमार मंडल पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे। तब तक फांसी के फंदे से परिजनों ने उसे उतार लिया था। थाना प्रभारी ने परिजनों से घटना की जानकारी लेते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की, लेकिन परिजनों और ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। इसे लेकर ग्रामीणों व पुलिस पदाधिकारी के बीच काफी बहस भी हुई। थाना प्रभारी ने सीओ व एसडीपीओ को इसकी जानकारी दी। सूचना मिलने पर सीओ संदीप मधेसिया व एसडीपीओ विनोद कुमार महतो घटनास्थल पहुंचे। पदाधिकारियों ने ग्रामीणों व परिजनों को घंटो तक पोस्टमार्टम कराने के लिए समझाया और नियमों का भी हवाला दिया, लेकिन लोगों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से साफ मना कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन को शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात लिखित में दी। इसके बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।

बताया गया कि उक्त किशोर के परिजन धान रोपने गए थे। इसी बीच उसने पंखा के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घर में उसके छोटे-भाई बहन थे। बच्चों ने भाई को फांसी पर झूलता देख घर से हल्ला करते हुए खेत गए और अपने माता-पिता को बताया। वहां से माता-पिता भागे-भागे घर आए और उसे नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि आलीम मानसिक रूप से बीमार था। किसी पर कोई शक नहीं है। उसने खुद फांसी लगाई है। परिजनों ने शव को मिट्टी दे दी।

इधर, सीओ मधेसिया ने कहा कि काफी समझाने के बाद भी मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। अंत में पुलिस प्रशासन ने परिजनों की रिकार्डिंग व लिखित लेकर शव उन्हें सौंप दिया। उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया।

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