फास्टैग बोले तो टोल प्लाजा पर किचकिच से मुक्ति

गिरिडीह-मधुपुर मुख्य मार्ग में बेंगाबाद थाना क्षेत्र के नावासारी में नेशलन हाईवे संख्या 114 ए पर टोल प्लाजा बनाया गया है। यहां दोनों तरफ से छह काउंटर बनाए गए हैं जिसमें दो-दो काउंटर फास्टैग सिस्टम व एक-एक काउंटर कैश के लिए बनाया गया है। यहां फास्टैग काउंटर पर नतो कभी जाम की समस्या रहती है न ही लोगों को टोल पलजा के कर्मियों से उलझने की नौबत आती है। वहीं

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Mar 2020 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 17 Mar 2020 08:00 AM (IST)
फास्टैग बोले तो टोल प्लाजा पर किचकिच से मुक्ति
फास्टैग बोले तो टोल प्लाजा पर किचकिच से मुक्ति

प्रभात सिन्हा/श्रीप्रसाद बरनवाल, गिरिडीह : गिरिडीह-मधुपुर मार्ग पर बेंगाबाद के नावासारी में एवं जीटी रोड पर बगोदर के घंघरी में टोल प्लाजा है। दोनों जगहों पर फास्टैग की व्यवस्था है। कैश काउंटर की व्यवस्था भी बरकरार है। इस कारण दोनों जगहों पर जाम लगा रहता है। वाहन चालकों एवं आम लोगों को इससे काफी परेशानी होती है।

बेंगाबाद टोल प्लाजा : गिरिडीह-मधुपुर मुख्य मार्ग में बेंगाबाद थाना क्षेत्र के नावासारी में नेशनल हाईवे संख्या 114 ए पर टोल प्लाजा बनाया गया है। यहां दोनों तरफ से छह काउंटर बनाए गए हैं जिसमें दो-दो काउंटर फास्टैग सिस्टम व एक-एक काउंटर कैश के लिए बनाया गया है। यहां फास्टैग काउंटर पर न तो कभी जाम की समस्या रहती है ना ही लोगों को टोल प्लाजा के कर्मियों से उलझने की नौबत आती है। बगैर फास्टैग के इस टोल प्लाजा के काउंटर पर कैश भुगतान को लेकर कर्मियों से वाहन चालकों का किचकिच होती रहती है जिस कारण यहां वाहनों की जाम लग जाता है। फास्टैग कराए हुए वाहनों को काउंटर पर रोका भी नहीं जाता और वे बेहिचक व बगैर किचकिच के अपनी यात्रा करते हैं। टोल प्लाजा के प्रबंधक रविन्द्र सिंह ने बताया कि अभी भी कुछ वाहन बगैर फास्टैग के ही कैश पेमेंट कर टोल पर आवाजाही करते हैं। कैश में टोल टैक्स देनेवालों से हर बार बीस-बीस रुपये लिया जाता है। अगर फास्टैग काउंटर की ओर से प्रवेश करने का प्रयास करते हैं ता बीस रुपये के अलावा जुर्माना के तौर पर अलग से बीस रुपये की वसूली की जाती है। फास्टैग कराए हुए वाहन को सिगल जर्नी पर बीस रुपये व चौबीस घंटे के अंदर दूसरी जर्नी पर महज पांच रुपये टैक्स लिया जाता है। फास्टैग के तहत अन्य सुविधाएं भी वाहन चालकों को दी जाती है। कैश काउंटरवाली लाइन में जाम की समस्या अब भी बनी रहती है। फास्टैग सिस्टम वाहन मालिक के खाते से जोड़ा हुआ रहता है जिस कारण ऐसे वाहनों के विंडस्क्रीन पर एक स्टीकर लगा रहता है। जब फास्टैग से जुड़े वाहन किसी भी टोल प्लाजा को पार करते हैं तो उनके खाते से टोल टैक्स की ऑनलाइन कटौती हो जाती है जिसका मैसेज उनके मोबाइल नंबर पर आ जाता है। ऐसे में कैश से बेहतर फास्टैग की सुविधा वाहन मालिकों के लिए सुविधा जनक है।

- क्या है फास्टैग : टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होनेवाली परेशानियों का हल निकालने के लिए हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया है। इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में सबसे पहले साल 2014 में शुरू की गई थी। जिसे धीरे-धीरे पूरे देश के टोल प्लाजा पर लागू किया जा रहा है। फास्टैग सिस्टम की मदद से आपको टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के दौरान होनेवाली परेशानियों से निजात मिलती है। फास्टैग की मदद से आप टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल टैक्स दे सकेंगे। इसके लिए अपने वाहन पर फास्टैग लगाना होगा। ये टैग किसी आधिकारिक टैग जारीकर्ता या सहभागिता बैंक से खरीद सकते हैं। 

फास्टैग कैसे करता काम: वाहन के विडस्क्रीन में फास्टैग लगाया जाता है। रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन लगा होता है। जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आ जाती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर वाहन के विडस्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आते ही फास्टैग अकाउंट से टोल प्लाजा पर लगनेवाला शुल्क काट लेता है। वाहन में लगा ये टैग, आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही कार्य शुरू कर देता है। जब फास्टैग अकांउट की राशि खत्म हो जाएगी, तो उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ता है। फास्टैग की वैधता पांच वर्ष की होती है। इसके बाद नया फास्टैग गाड़ी पर लगवाना होगा।

- फास्टैग के फायदे: सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टैक्स देने के कारण लगनेवाली गाड़ियों की लंबी लाइन व खुले पैसे की समस्या को हल करने के लिए फास्टैग सिस्टम को देश के कई टोल प्लाजा पर शुरू किया है। फास्टैग की मदद से आपका समय बचने के साथ-साथ आपके पेट्रोल या डीजल की भी बचत होती है। फास्टैग भारत के चुनिदा शहरों के टोल प्लाजा पर ही लागू था लेकिन इसके सफल होने के बाद सड़क एवं परिवहन मंत्रालय हर टोल प्लाजा पर शुरू की गई है।

कहां से ले सकते फास्टैग: किसी भी सरकारी बैंक से फास्टैग स्टीकर ऑफलाइन खरीद सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन करके भी फास्टैग मंगवाया जा सकता है। इसके लिए आपको बैंक की फास्टैग ऐप्लिकेशन वेबसाइट पर जाना होगा और डिटेल भरकर आवेदन करना होगा। जब आपका फास्टैग अकाउंट बन जाएगा तो इसे मोबाइल ऐप से भी कंट्रोल किया जा सकेगा।

बगोदर टोल प्लाजा : हमेशा विवादों से घिरा रहनेवाला राष्ट्रीय राजमार्ग टू पर बगोदर के घंघरी में संचालित अस्थायी टोल प्लाजा में फास्टैग व्यवस्था होने के बावजूद प्रतिदिन जाम लगा रहता है। इस कारण वाहन चालकों से हमेशा कर्मियों का विवाद होना आम बात हो गई है। आए दिन वाहन चालकों व टोलकर्मियों के बीच मारपीट की घटना भी होती रहती है। भारत सरकार ने बीते 17 दिसंबर 2019 से टोल टैक्स का भुगतान फास्टैग से अनिवार्य कर दिया है, ताकि टोल में जाम न लगे और वाहन चालकों को भी सुविधा मिल सके। फास्टैग व्यवस्था होने के बावजूद यहां जाम की समस्या से वाहन चालकों को निजात नहीं मिल सकी है। अभी भी फास्टैग से भुगतान नहीं करके नगद भुगतान कई वाहन चालकों द्वारा किया जाता है। जिन वाहनों मे फास्टैग की सुविधा नहीं रहती है वैसे वाहनों से दोगुनी राशि ली जाती है। इस संबंध में घंघरी टोल प्लाजा के प्रबंधक शनि शर्मा ने बताया कि घंघरी टोल प्लाजा में 70 प्रतिशत वाहनों से फास्ट टैग से टोल टैक्स लिया जा रहा है जबकि 30 प्रतिशत वाहन चालक अभी भी नगद भुगतान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नन फास्ट टैग से डबल पर्ची कटती है।

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