पेंशन को तरस रही दिव्यांग महिला

यह भी एक वोटर है जो दिब्यांग होने का बाबजूद भी पेंशन के बिना तरस रही है उक्त बातें देवरी प्रखंड के झरखण्ड के सबसे बड़ा नक्सली नरसंहार की घटना घटित गांव देवरी प्रखंड के चिलखारी गावं की है जो झरखण्ड बिहार सिमा पर स्थित है जहाँ उक्त गांव निवासी छोटकी मुर्मू पति यदु हेम्ब्रोम देवरी उम्र लगभग 65 वर्ष है इन्हें न ही तो दिव्यांग पेंशन मिल रहा है न ही तो बृद्धा पेंशन मिल रहा है जबकि यह भी एक वोटर है और इसे भी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ लेने

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 11:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 11:00 AM (IST)
पेंशन को तरस रही दिव्यांग महिला
पेंशन को तरस रही दिव्यांग महिला

देवरी: दिव्यांग होने के बावजूद पेंशन के बिना तरस रही है। उक्त महिला झरखंड के सबसे बड़े नक्सली नरसंहार की घटनावाले गांव चिलखारी की रहनेवाली है जो झारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित है। उक्त महिला छोटकी मुर्मू (पति यदु हेंब्रम) है जिसकी उम्र लगभग 65 वर्ष है। उसे न तो दिव्यांग पेंशन मिल रही है, न ही वृद्धापेंशन मिल रही है। वह भी एक वोटर है और उसे भी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने का मौलिक अधिकार है। इसके बावजूद आज तक इस दिव्यांग वृद्ध महिला की सुध लेनेवाला कोई जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया है। छोटकी मुर्मू बताती हैं कि वह दिव्यांग है और उसके पति भी काम करने के लायक नहीं हैं। दोनों की उम्र 65 वर्ष से अधिक हो गई है लेकिन आज तक उन्हें किसी तरह की पेंशन नहीं मिल पा रही है। इससे उसे जीवन-यापन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वह दिव्यांग होकर भी वोट देने जाती है लेकिन वोट लेनेवाले को वोटरों की चिता नहीं है।

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