अवैध पत्थर खदानों में चली जेसीबी, घरों में पड़े छापे

तिसरी(गिरिडीह): लोकाय थाना अंतर्गत डूब्बा गांव के जंगल के बड़े भू-भाग पर अवैध ढंग से वर्षों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Jul 2018 09:12 PM (IST) Updated:Thu, 19 Jul 2018 09:12 PM (IST)
अवैध पत्थर खदानों में चली जेसीबी, घरों में पड़े छापे
अवैध पत्थर खदानों में चली जेसीबी, घरों में पड़े छापे

तिसरी(गिरिडीह): लोकाय थाना अंतर्गत डूब्बा गांव के जंगल के बड़े भू-भाग पर अवैध ढंग से वर्षों से संचालित बेशकीमती पत्थर बैरल व नीलम खदान में गुरुवार को खोरीमहुआ के अनुमंडल पदाधिकारी रविशंकर विद्यार्थी के नेतृत्व में डीएफओ कुमार आशीष, डीएमओ सतीश कुमार व रेंजर शंकर पासवान ने पुलिस बल के साथ छापा मारा। इस दौरान उत्खनन स्थल का निरीक्षण कर जेसीबी से कई सुरंगों को बंद किया गया। उक्त स्थल से छोटे-छोटे कीमती पत्थर मिले। इसके बाद डूब्बा गांव जाकर पुलिस प्रशासन ने तीन घरों में छापेमारी की गई। इस दौरान बोरी व पॉलीथिन में रखा हुआ लाखों रुपये का लगभग पंद्रह सौ किलो बेशकीमती पत्थर बरामद किया गया।

सबसे पहले बबलू साव के घर में सर्च किया गया। घर की ऊपरी मंजिल पर एक कमरे का ताला तोड़कर सीमेंट में भरी एक बोरी और कई पॉलीथिन में उच्च स्तर का पत्थर बरामद किया गया। दूसरे घर कारु साव के पास से तीन-चार बड़े पॉलीथिन में पत्थर निकाला गया। तिलक तुरी के घर से सीमेंट की बोरी में आधा भरा हुआ पत्थर छोटे-छोटे टुकड़ों में मिला। तीनों घरों का बेशकीमती पत्थर प्रशासन ने जब्त कर लिया।

बता दें कि डूब्बा में अवैध बेशकीमती पत्थर का उत्खनन कई गांव के दबंग मिलकर रात दिन करते थे। उक्त स्थल पर दर्जनों खंतों से पत्थर निकाला जाता है। दर्जनों लोग खंता के नीचे दो सौ फीट तक जाकर जान जोखिम में डालकर उसे निकालते हैं। अवैध उत्खनन के दौरान कई मजदूरों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन इस खबर को दबाने के लिए परिजनों को रोने तक का मौका नहीं दिया जाता है। पत्थर माफियाओं का अंग्रेजों जैसा शासन चलता है। उत्खनन किया गया पत्थर कोडरमा, डोरंडा व जयपुर के कारोबारी बीस हजार से एक लाख रुपये किलो के भाव से खरीदते हैं। डीएमओ ने कहा कि निरीक्षण के दौरान माइ¨नग की बात सामने आई है। इसमें कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ने कहा कि वन क्षेत्र में पेड़ पौधे नष्ट कर बेशकीमती पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है जिसमें स्थानीय लोगों के अनुसार सरयू ¨सह का नाम सामने आ रहा है। इसके अलावा कई नाम हैं जिन पर केस किया जाएगा। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि स्थानीय भाषा में इस पत्थर को बैरल पत्थर कहते हैं लेकिन देखने से पता चलता है कि यह पत्थर काफी महंगा है। इस छापेमारी से अवैध कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। अनुमंडल पदाधिकारी ने उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि अवैध माइ¨नग कर बेशकीमती पत्थर निकलना कानूनन जुर्म है। यह सरकार की संपत्ति का नुकसान है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे अपने अंदर लेकर यदि उत्खनन करती है तो सरकार को राजस्व प्राप्त होगा और लोगों को भी रोजगार भी मिलेगा।

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