पंचायतों में फर्जी तरीके से लग रही स्ट्रीट लाइटें

जासं, गिरिडीह : पंचायत प्रशासन की ओर से गांवों में स्ट्रीटलाइट लगाने की योजना में मानकों की घोर अनदे

By Edited By: Publish:Sun, 05 Oct 2014 01:12 AM (IST) Updated:Sun, 05 Oct 2014 01:12 AM (IST)
पंचायतों में फर्जी तरीके से लग रही स्ट्रीट लाइटें

जासं, गिरिडीह : पंचायत प्रशासन की ओर से गांवों में स्ट्रीटलाइट लगाने की योजना में मानकों की घोर अनदेखी की जा रही है। बीते दिनों प्रखंड स्तरीय पंचायत समिति की बैठक में प्रमुख, उपप्रमुख और बीडीओ सहित समिति के सदस्यों की उपस्थिति में इसका निर्णय लिया गया था। पंचायतों को इस वर्ष 13 वें वित्त आयोग का आवंटन मिला था। इस मद से स्ट्रीट लाइट, चापाकल और पीसीसी निर्माण आदि का निर्णय संबंधित पंचायत समिति सदस्यों की अनुशंसा से लिया गया था। अधिकांश पंचायतों में स्ट्रीट लाइट को ही प्राथमिकता दी गयी, लेकिन इस कड़ी में राज्य बिजली बोर्ड के मानकों को दरकिनार कर गांवों को जगमग करने की योजना बना दी गयी। अब बिजली विभाग स्ट्रीट लाइट में खपत होनेवाली बिजली के बिल सहित कनेक्शन के लिए पंचायतों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

राज्य बिजली बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के सदर प्रखंड के गादीश्रीरामपुर पंचायत में ही सिर्फ विधिवत रूप से दो केबी का कनेक्शन लिया गया है। शेष पंचायतों में फर्जी तरीके से बिजली का उपयोग किया जा रहा है। बोर्ड स्तर से पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाने का कोई निर्णय या आदेश नहीं है। लिहाजा फर्जी तरीके से स्ट्रीट लाइट लगाने के एवज पर पंचायत प्रशासन पर विभाग कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।

बताया कि स्ट्रीट लाइट के लिए बोर्ड की ओर से विहित प्रपत्र में आवेदन देने के मानक पूर्व से स्थापित हैं। इसके लिए संबंधित एजेंसी को प्रति माह खपत होनेवाली बिजली का बिल भी चुकाना है। पंचायतों में बिजली बिल कलेक्शन वैसे ही काफी कम है। बोर्ड को प्रति माह इसमें करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है। ऐसे में स्ट्रीट लाइट की बिजली अलग से बोर्ड की दायित्व बनेगी।

पंचायात समिति की बैठक के बाद समिति के सचिव सह बीडीओ की ओर से स्ट्रीट लाइट के लिए कार्यादेश निर्गत किया गया है। तकनीकी रूप से इसके लिए संबंधित बीडीओ को मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जरूरत है। पंचायत समिति के सदस्य जनहित को देखते हुए गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने पर बल दिए। इसे विधि संगत बनाने के लिए विभागीय स्तर से प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है।

रामानंद सिंह, पंसस, जमुआ।

जमुआ सहित कई प्रखंडों में ऐसी शिकायत मिली है। गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने के पूर्व कनेक्शन के लिए आवेदन देना होगा। फर्जी तरीके से लगी लाइटों के लिए संबंधित एजेंसी पर जवाबदेही तय की जायेगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि प्रति माह आने वाले बिल का भुगतान कौन करेगा। - इश्तिखार आलम, कार्यपालक अभियंता, बिजली विभाग।

-------------------------

chat bot
आपका साथी