जबरन धर्धातरण के खिलाफ मुखर हुए कई गांवों के लोग

धर्मान्तरण के विरुद्ध जोरदार आंदोलन करने का संकल्प लिया धर्मान्तरण के विरुद्ध जोरदार आंदोलन करने का संकल्प लिया

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 05:23 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 05:23 PM (IST)
जबरन धर्धातरण के खिलाफ मुखर हुए कई गांवों के लोग
जबरन धर्धातरण के खिलाफ मुखर हुए कई गांवों के लोग

भंडरिया: थाना क्षेत्र के ग्राम नौका स्थित परभनखाड़ सरना स्थल में भंडरिया, बड़गड़ एवं रमकंडा प्रखंड के सैकड़ों गऊंवा, प्रधान, बैगा एवं देवार की बैठक राजदेव ¨सह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई। तीनों बैठक प्रखंडों के सुदूरवर्ती आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के गावों में इसाई मिशनरी द्वारा लोगों को प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराने व इसाईयों द्वारा खुद जबरन आदिवासी साबित करने के प्रयास का जोरदार विरोध किया गया और इस मुद्दे पर चर्चा की गई। उपस्थित लोगों ने क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे धर्मान्तरण के विरुद्ध जोरदार आंदोलन करने का संकल्प लिया। लोगों ने कहा कि भंडरिया क्षेत्र में सामाजिक विद्वेष फैलाने का कार्य इसाई मिशनरियों की ओर से किया जा रहा है। यह गलत है। इस समस्या से प्रशासन सहित जन प्रतिनिधियों को भी लिखित रूप से जानकारी दी गई है। कहा गया कि यदि प्रशासन कारवाई कर इसाइयों द्वारा विभिन्न जगहों पर जबरन भूमि पर किए गए कब्जे को तत्काल नहीं हटाया गया तो क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों का विरोध किया जाएगा। उपस्थित लोगों ने कहा कि प्रशासन सनातन धर्म की रक्षा का कार्य नहीं करती है तो जोरदार आंदोलन करते हुए हिन्दू समुदाय स्वयं कार्रवाई करेगी। रामचन्द्र ¨सह ने कहा कि नीलांबर-पीतांबर के पावन भूमि पर इसाई मिशनरी द्वारा सनातन धर्म के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। इसाई शतप्रतिशत हिन्दू गावों में भी पास्टर भेजकर धर्मांतरण का कार्य कर रहे हैं। गाय, गंगा व गीता जो सनातन धर्म में पूज्य हैं उसका विरोध कर ये काले अंग्रेज विदेशी होने का सबूत खुद दे रहे हैं। आनंदी ¨सह के कहा कि 1857 की क्रांति समेत स्वतंत्रता संग्राम में एक भी इसाई शहीद नहीं हुए। आज वही इसाई खुद को आदिवासी घोषित करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। बड़गड़ प्रखंड से संचालित होने वाला इसाईयों का एक समूह अखिल भारतीय आदिवासी महासभा नाम से फर्जी आदिवासियों का प्रतिनिधि बना फिर रहा है। बिरझू ¨सह ने कहा कि 20 सितंबर को सनातन संस्कृति का महान पर्व करमा है। दूसरी तरफ फर्जी आदिवासी बने ये इसाई मिशनरी गाय, गंगा व गीता का विरोध कर, सरकारी भूमि पर संविधान विरूद्ध पत्थरगड़ी को सही साबित कर प्रदर्शन का कार्यक्रम रखे हैं। वे हमारे पर्व उत्सव को भी समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे भंडरिया, बड़गड़ व रमकंडा प्रखंड की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। इस तिथि को पूरे क्षेत्र के आदिवासी समुदाय करमा पर्व का आयोजन नौका सरना स्थल पर करेगी। बैठक को इंगलेश दूबे, रामकिशुन सोनी, ठाकुर प्रसाद महतो सहित दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया। बैठक में सैकड़ों बैगा, देवार, प्रधान व गऊंवा ने बैठक में पाँच निर्णय सामूहिक रूप से लिया। इसमें धर्मांतरण का पूरे क्षेत्र में विरोध और हिन्दू गावों में इसाई पास्टर की सक्रियता पर रोकथाम करने, वर्तमान समस्या से प्रशासन को लिखित रूप से अवगत कराने के बावजूद कोई कारवाई नहीं होने पर रोष प्रकट करते हुए आंदोलन करने, 20 सितंबर को सरना स्थल नौका में करमा पर्व धूमधाम से आयोजित करने, अतिक्रमण पर वन विभाग के निष्क्रियता पर रोष प्रकट करते हुए डीएफओ के विरूद्ध आंदोलन की तैयारी करने तथा फर्जी आदिवासी बने इसाईयों द्वारा क्षेत्र में अशांति फैलाने का जो प्रयास किया जा रहा है, उसका विरोध करना शामिल है। बैठक का संचालन भूषण ¨सह ने किया। बैठक में सुमन उरांव, रूपनिरंजन सिन्हा, शंकर ¨सह, रामनाथ ¨सह, ब्रह्मदेव ¨सह, रामराज भुइयां मोती बैठा, बंधन ¨सह, राजनाथ ¨सह, बिन्देश्वर ¨सह, इन्द्रदेव ¨सह, शिवनंदन ¨सह, मनोज ¨सह, झगरू ¨मज, इंदर बाखला, इंगलेश दूबे, रामवृक्ष ¨सह, प्रेम ¨सह, अंबिका ¨सह समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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