Gadhawa: गर्मी आते ही सूखने लगे जंगलों के जलस्रोत, पानी की तलाश में भटककर ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे लंगूर

गर्मी का मौसम आते ही जंगलों में मौजूद जलस्त्रोत सूखने लगे हैं। इसके कारण जंगली जानवर खासकर लंगूरों का झुंड ग्रामीण इलाकों में घुसपैठ कर ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा रह हैं। वहीं वन विभाग भी जंगलों में जानवरों के लिए जलस्त्रोतों की व्यवस्था नहीं करा रहा है।

By Anjani UpadhayaEdited By: Publish:Mon, 03 Apr 2023 12:39 AM (IST) Updated:Mon, 03 Apr 2023 12:39 AM (IST)
Gadhawa: गर्मी आते ही सूखने लगे जंगलों के जलस्रोत, पानी की तलाश में भटककर ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे लंगूर
पानी की तलाश में भटककर ग्रामीण क्षेत्र में पहुंच रहे लंगूर।

संवाद सूत्र, गढ़वा: गर्मी का मौसम आते ही जंगलों के जलस्त्रोत सूखने लगे हैं। जंगलों के सूखते जल स्रोतों के कारण इन दिनों जंगली जानवर खासकर लंगूरों का झूंड गांवों की ओर आने लगा है।

पानी की तलाश में भटककर ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे लंगूर खपरैल घरों के छप्पर को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। जबकि घरों में घुसकर कई सामग्री को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

लंगूरों से परेशान हैं ग्रामीण

लंगूरों से लोग आजकल काफी परेशान हैं, जबकि वन विभाग इससे बेखबर है। बताते चलें कि वन्य प्राणियों के संरक्षण का दायित्व वन विभाग को है।

लोगों की मानें तो वन विभाग के अधिकारी वन्य प्राणियों को लेकर सही नीतियां नहीं बनाते हैं। इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ता है।

जंगलों में सूखते जल स्रोतों से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा वन विभाग

वन क्षेत्र में ही पानी की व्यवस्था हो तो वन्य प्राणियों को पानी की तलाश में भटक कर मानव आबादी वाले इलाकों में आने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। गर्मी के मौसम में सूखते जल स्रोतों की समस्या से निपटने का प्रयास ही वन विभाग नहीं करता है।

वन क्षेत्र में ही यदि पहले से तालाब आदि जलस्रोतों का निर्माण करा दिया जाए या फिर पहले मौजूद प्राकृतिक जलस्रोतों को संरक्षित किया जाए तो वन्य प्राणियों को पानी की तलाश में भटकने की समस्या ही नहीं सामने आएगी।

क्या कहते हैं प्रबुद्ध नागरिक

कई प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि जंगल में वन्य प्राणियों के लिए विशेषकर गर्मी के मौसम में पानी का इंतजाम करने के लिए सरकार को बजट आवंटित करना चाहिए ताकि वन्य प्राणियों को पानी मिल सके।

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