संस्कृति संस्कार देती है व संस्कार एक अच्छे भविष्य का निर्माण करती है: कृष्णकांत दुबे

संवाद सूत्र श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) विद्या विकास समिति झारखंड के तत्वाधान में गुरुवार को सर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:10 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:10 PM (IST)
संस्कृति संस्कार देती है व संस्कार एक अच्छे भविष्य का निर्माण करती है: कृष्णकांत दुबे
संस्कृति संस्कार देती है व संस्कार एक अच्छे भविष्य का निर्माण करती है: कृष्णकांत दुबे

संवाद सूत्र, श्री बंशीधर नगर (गढ़वा): विद्या विकास समिति झारखंड के तत्वाधान में गुरुवार को सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कृति बोध परियोजना के तहत एक दिवसीय संकुल राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ संकुल के सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य द्वारा किया गया। संकुल प्रमुख सह विद्यालय के प्रधानाचार्य कृष्णकांत दुबे ने कहा कि बिना संस्कृति के शिक्षा अधूरी है। संस्कृति संस्कार देती है और संस्कार एक अच्छे भविष्य का निर्माण करती है। आज अपनी संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है। संस्कृति किसी भी देश की आत्मा होती है। हमें वहां भारतीय संस्कृति का दीपक जलाना है, जहां अभी भी लोग इससे अछूते हैं। इसके लिए विद्या भारती विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। विद्या भारती वर्ष 1980 से ही संस्कृति बोध परियोजना के तहत इस प्रकार की प्रतियोगिताएं कराती आ रही है। महोत्सव में शिशु वर्ग व बाल वर्ग के लिए कथा कथन प्रतियोगिता एवं किशोर वर्ग के लिए आशु (तात्कालिक) भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शिशु वर्ग में प्रथम स्थान महक सामिया परवीन, द्वितीय श्रेया रानी व तृतीय स्थान सत्यम कुमार को मिला। बाल वर्ग में प्रथम स्थान शिवांगी शेखर को, द्वितीय स्थान अंशिका सिंह को व तृतीय स्थान प्रिस बाबू को मिला। जबकि किशोर वर्ग में प्रथम स्थान ज्योति शुक्ला को, द्वितीय स्थान आदित्य नंदन को व तृतीय स्थान आश्मीन खातून को मिला। महोत्सव में भवनाथपुर नगरी के आचार्य चंदन सरकार, योगेंद्र कुमार, भवनाथपुर बाजार से वीरेंद्र कुमार पांडेय, गढ़वा से जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे। पुरस्कार वितरण विद्यालय के सह सचिव सह वार्ड पार्षद राजकुमार प्रसाद व प्रधानाध्यापक कृष्णकांत दुबे ने किया। मौके पर आचार्य कौशलेंद्र झा, दीपक कुमार, अविनाश कुमार, कृष्ण कुमार पांडेय सहित सभी शिक्षक-शिक्षिका व विद्यालय के भैया-बहन उपस्थित थे। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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