स्कूल के विलय के विरोध में अनशन पर बैठे ग्रामीण

भवनाथपुर पंडरिया पंचायत के धनिमण्डरा टोला के सेकड़ो महिला पुरुष व स्कूली बच्चे गुरुवार को पूर्ब निर्धारित तिथि के अनुसार भवनाथपुर प्रखण्ड कार्यालय गेट पर छह माह पूर्ब सरकार के फरमान से अपने मूल विदयालय से तीन चार किलोमीटर दूरी पर नवप्रथमिक विदयालय सुगवा दामर में विलय से आक्रोशित हो के आमरण अनशन पर पांच घण्टे तक बैठे रहे ।मोके पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी विशाल कुमार बीइओ राकेस कुमार पुलिस निरीक्षक उमेश ¨सह के लिखित अस्वाशन दिया कि प्रखण्ड शिक्षा समिति की बैठक एक सप्ताह के अंदर करके जिला को विदयालय अविलम्ब खोलने की मांग करेंगे व सम्भावन बेयक्त किया कि दो से तीन माह के अंदर विदयालय खुलेगा । पर शाम तीन बजे आमरण अनशन को तोड़ा । क्या है मामला बताते चले कि सरकार के निर्देश पर 30 जून1

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Dec 2018 06:33 PM (IST) Updated:Thu, 27 Dec 2018 06:33 PM (IST)
स्कूल के विलय के विरोध में अनशन पर बैठे ग्रामीण
स्कूल के विलय के विरोध में अनशन पर बैठे ग्रामीण

भवनाथपुर: प्रखंड के पंडरिया पंचायत के धनिमंडरा टोला के महिला-पुरुष व स्कूली बच्चे गुरुवार को पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार प्रखंड कार्यालय गेट पर छह माह पूर्व सरकार के निर्देश के बाद अपने मूल विद्यालय से चार किमी दूर नवप्रथमिक विदयालय सुगवादामर  में विलय के विरोध में आमरण अनशन पर बैठ गये। इसकी जानकारी मिलने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी विशाल कुमार, बीइओ राकेश कुमार, पुलिस निरीक्षक उमेश ¨सह अनशन स्थल पर पहुंचे। इन्हों अनशनकारियों को लिखित आश्वासन दिया कि प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक एक सप्ताह के अंदर करके जिला को विलय किये गये विद्यालय को अविलंब खोलने का प्रस्ताव देंगे। इसके बाद अनशनकारी अनशन समाप्त करने पर राजी हुए।

- क्या है मामला: बताते चलें कि सरकार के निर्देश पर 30 जून 2018 को प्राथमिक विद्यालय धनिमंडा को चार किमी की दूरी पर स्थित नवप्राथमिक विद्यालय सुगवादामर में विलय कर दिया गया था। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त था। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व के बीइओ कौशल किशोर चौबे द्वारा  एक सुनियोजित साजिश के तहत इस विद्यालय को मूल विद्यालय से दूर दूसरे विदयालय में विलय कर दिया गया। जबकि धनिमंडरा विद्यालय में हरिजन व आदिवासी परिवार के कुल 47 बच्चे नामांकित थे। जबकि सुगवादामर में महज 10 से 15 बच्चे ही पढ़ते हैं। अनशन पर बैठने वालों में कैलाश बियार, सर्वेश पासवान, अमरजीत बियार, जयप्रकाश पासवान, शिव पारस कुमार, सुरेश पासवान, रामचन्द्र पासवान, रघुनी बियार आदि का नाम शामिल है।

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