30 में 10 घरों में ही शौचालय, फिर भी ओडीएफ घोषित

बासुकीनाथ यूं तो जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र को वर्ष भर पूर्व ही खुले में शौच मुक्त प्रखंड की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया गया था लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है। प्रखंड के पदाधिकारियों के द्वारा कागजों की बाजीगरी कर जरमुंडी प्रखंड को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 05:55 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 05:55 PM (IST)
30 में 10 घरों में ही शौचालय, फिर भी ओडीएफ घोषित
30 में 10 घरों में ही शौचालय, फिर भी ओडीएफ घोषित

बासुकीनाथ : यूं तो जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र को वर्ष भर पूर्व ही खुले में शौच मुक्त प्रखंड की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया गया था लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है। प्रखंड के पदाधिकारियों के द्वारा कागजों की बाजीगरी कर जरमुंडी प्रखंड को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया। इसके विभिन्न पंचायतों में खुले में शौच मुक्त पंचायत का बोर्ड भी लगाया जा रहा है। जबकि धरातल पर स्थिति अब भी काफी शर्मनाक है। प्रखंड क्षेत्र के 70 फीसदी ग्रामीण अभी भी शौचालय के अभाव में अभी खुले में शौच जाने को विवश हैं। जरमुंडी प्रखंड के कई पंचायतों में इन दिनों खुले में शौच मुक्त पंचायत का बोर्ड लगाया जा रहा है। जिसे देखकर स्थानीय ग्रामीण खासे नाराज हैं। कुछ ऐसा ही वाकया सोमवार को नजर आया जब जरमुंडी प्रखंड के चोरखेदा पंचायत अंतर्गत खरवा गांव में ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण नहीं होने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्राम प्रधान भूदर मंडल, नरेश ईश्वर, कुंदन मंडल, प्रभात व संतोष ने बताया कि आश्चर्य की बात है कि गांव में तीस घर में से दस घर में ही शौचालय बना है। लेकिन आठ फरवरी 2019 को इस गांव को खुले में शौचमुक्त गांव की घोषणा कर दी गई। कर्मियों ने ओडीएफ का बोर्ड भी लगा दिया। कार्य प्रणाली पर ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। लोगों ने बताया कि मुखिया, पंचायत सचिव व जलसहिया की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण गांव में शौचालय निर्माण नहीं हुआ। ग्रामीण खुले में शौच जाने को अब भी विवश हैं। गांधी जयंती के अवसर पर सम्पूर्ण देश को ओडीएफ घोषित किया गया है। लोगों ने बताया कि सरकारी कर्मी गांव में कुछ लोगों के घर में शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खुदाई करवा दी, बावजूद उसके घर में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया। लोगों ने इसकी शिकायत उपायुक्त से करने व मुख्यमंत्री जनसंवाद करने की बात कही। चोरखेदा पंचायत के मुखिया सोनामुनी मरांडी ने बताया कि बिना जानकारी दिए कर्मी द्वारा गांव में ओडीएफ का बोर्ड लगा दिया गया है। गांव में सभी के घर में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। वहीं चोरखेदा पंचायत के पूर्व मुखिया मुन्ना बास्की ने भी स्वीकार किया कि उनके पंचायत क्षेत्र में अब तक करीब 60 फीसदी जनता शौचालय की सुविधा से वंचित है। बावजूद सरकार के द्वारा इस पंचायत को ओडीएफ घोषित करना कतई जायज नहीं है। इस मामले को लेकर सोमवार को स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार के विरुद्ध जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

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