पेरोल के इंतजार में नहीं उठा कैदी का शव

दुमका : केंद्रीय जेल में करीब साढ़े तीन साल से हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे सरैयाहाट

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 04:10 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 04:10 PM (IST)
पेरोल के इंतजार में नहीं उठा कैदी का शव
पेरोल के इंतजार में नहीं उठा कैदी का शव

दुमका : केंद्रीय जेल में करीब साढ़े तीन साल से हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे सरैयाहाट के मनिहारी गांव के कैदी 60 वर्षीय जेठा हांसदा की मंगलवार की रात को सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाज के क्रम में मौत हो गई। तीन दिन से उसका वार्ड में इलाज चल रहा था। मृतक की पत्नी और एक बेटा भी हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। घरवालों ने अंतिम संस्कार के लिए दोनों को पेरोल पर छोड़ने की मांग की। जेल प्रशासन ने आइजी जेल से संपर्क किया लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण कैदी का शव पोस्टमार्टम हाउस में रखा है।

जानकारी के अनुसार हत्या के आरोप में जेठा, उसकी पत्नी व बेटे को अदालत ने साढ़े तीन साल पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तभी से सभी केंद्रीय जेल में हैं। तीन दिन पहले बीमार पड़ जाने के कारण जेठा को सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार की रात को उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन से सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजन दुमका आए। पोस्टमार्टम के बाद जब उन्हें शव देने की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी तो उन्होंने शव ले जाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि परिवार में पत्नी और बेटा है और दोनों जेल में बंद हैं। उनकी मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार संभव नहीं है। उन्होंने जेल प्रशासन को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुए दोनों को पेरोल पर छोड़ने की मांग की। काराधीक्षक भगीरथ कार्जी का कहना है कि पहले उपायुक्त के आदेश पर पेरोल पर कैदी को कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता था लेकिन अब आइजी जेल से अनुमति लेनी होती है। आइजी को सारी बातों से अवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक किसी तरह का जवाब नहीं आया है। जब तक किसी तरह का जवाब नहीं आता है तब तक शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखा जाएगा।

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