रेल सुरक्षा की गारंटी तीन अलग डिविजन में फंसी

दुमका : दुमका-जसीडीह, दुमका-भागलपुर और दुमका से रामपुरहाट की रेल यात्रा और इसकी सुरक्षा की गारंटी तीन अलग-अलग डिविजन में फंसी है। सपाट शब्दों में कहें तो वर्तमान में इन तीनों रेल खंडों पर सुरक्षा की स्थिति भगवान भरोसे ही है। जीआरपी और आरपीएफ के थानों की स्थापना व पर्याप्त बलों के पदस्थापन या प्रतिनियुक्त नहीं होने की वजह यात्रियों के साथ रेलवे की संपत्ति को भी खतरा है इससे न तो रेलवे और नहीं जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारी इंकार करते हैं। लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस मसले पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी तीनों एक-दूसरे पर जिम्मेदारी फेंककर चुप्पी साधे रखने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 15 Feb 2019 05:58 PM (IST)
रेल सुरक्षा की गारंटी तीन अलग डिविजन में फंसी
रेल सुरक्षा की गारंटी तीन अलग डिविजन में फंसी

दुमका : दुमका-जसीडीह, दुमका-भागलपुर और दुमका से रामपुरहाट की रेल यात्रा और इसकी सुरक्षा की गारंटी तीन अलग-अलग डिविजन में फंसी है। सपाट शब्दों में कहें तो वर्तमान में इन तीनों रेल खंडों

पर सुरक्षा की स्थिति भगवान भरोसे ही है। जीआरपी और आरपीएफ के थानों की स्थापना व पर्याप्त बलों के पदस्थापन या प्रतिनियुक्त नहीं होने की वजह यात्रियों के साथ रेलवे की संपत्ति को भी खतरा है इससे न तो रेलवे और नहीं जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारी इंकार करते हैं। लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस मसले पर कोई भी

कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी तीनों एक-दूसरे पर जिम्मेदारी फेंककर चुप्पी साधे रखने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। आनेवाले दिनों में दुमका-जसीडीह, दुमका-भागलपुर और दुमका-रामपुरहाट रेलखंड पर रेल की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी तय है। इस रूट से कई महत्वपूर्ण ट्रेन को चलाए जाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। रेलवे इस रूट का भरपूर इस्तेमाल करने की तैयारी में है और नार्थ-ईस्ट तक कनेक्टिविटी बढ़ाने की मंशा रेलवे की है। आनेवाले दिनों में मेल और लूप ट्रेन की संख्या इन लाइनों पर बढ़ना तय है। इधर, सुरक्षा के मद्देनजर आरपीएफ भी अपनी तैयारियों में जुटी है। वर्तमान में आरपीएफ के दायरे में दुमका-रामपुरहाट रेलखंड हावड़ा डिवीजन से कंट्रोल होता है। दुमका से जसीडीह रेलखंड आसनसोल के जिम्मे है जबकि दुमका-भागलपुर व बांका रेल खंड आरपीएफ मालदा डिवीजन के हवाले है। दुमका-भागलपुर रूट पर आरपीएफ की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर वर्तमान में आठ से 10 जवानों को प्रतिनियुक्त कर किसी तरह से काम चलाने भर की कोशिश हो रही है। हालांकि आरपीएफ आनेवाले दिनों में रेललाइन व यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर रेल में ईएस्कार्ट और थानों की स्थापना को लेकर गंभीर है। जानकारी के मुताबिक तयशुदा प्रावधानों के तहत रेल में एस्कार्ट व थानों को स्थापित करने के लिए कोलकाता स्थित हेडक्वार्टर में प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन इस पर मुहर लगना अभी बाकी है। जानकार बताते हैं कि भागलपुर के निकट टेकानी में आरपीएफ का गुड्स स्टेशन का निर्माण भी आनेवाले दिनों में इस रेल खंड के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। बहरहाल, इन तमाम प्रक्रिया को पूरा होने में कितना वक्त लगेगा यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है और जब तक ये प्रक्रिया धरातल पर नहीं उतरती है तब तक रेल व रेल यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी भी कोई लेने को तैयार नहीं है।

वर्जन

प्लेटफार्म पर सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। खास कर महिला पुलिस की तैनातगी आवश्यक है। दुमका से पटना के लिए रेल सेवा प्रारंभ होना चाहिए।

अरुण कुमार, जरूवाडीह, दुमका

फोटो : 015

--

ट्रेन में प्राथमिक इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। दुमका स्टेशन पर निश्शक्तों के लिए व्हील चेयर तो है लेकिन रैंप नहीं बनाया गया है। इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।

प्रिया कुमारी, डंगालपाड़ा, दुमका

फोटो : 016

---

दुमका रेलवे स्टेशन के सामने स्थित पार्क का सौंदर्यीकरण होना चाहिए। दुमका झारखंड की उपराजधानी है तो इसी अनुरुप यहां का रेलवे स्टेशन भी सुविधायुक्त होना चाहिए। यात्री सुविधाएं बढ़ाए जाने की दरकार है।

कन्हैया भालोटिया, श्याम बाजार रोड, दुमका

फोटो : 017

---

दुमका रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है। रेलवे प्रबंधन को गंभीरता से पहल करना होगा। सुरक्षा के मद्देनजर नजर भी गंभीर प्रयास करने होंगे।

कल्याणी हेंब्रम, नकटी, दुमका

फोटो : 018

chat bot
आपका साथी