बीएलए देने के नाम पर आयोग की बात नहीं मान रहे राजनीतिक दल

दुमका वोटर को जागरूक करने को लेकर आज तरह तरह के जतन किए जा रहे हैं। स्वीप कार्यक्रम पर विशेष फोकस रहता है। कल तक राजनीतिक दल वोटर के प्रति संजीदा रहते थे। आज परिस्थिति बदली है एक बदलाव की बयार है। चुनाव आयोग एक-एक वोटर को जागरूक करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Nov 2019 04:57 PM (IST) Updated:Wed, 06 Nov 2019 04:57 PM (IST)
बीएलए देने के नाम पर आयोग की बात नहीं मान रहे राजनीतिक दल
बीएलए देने के नाम पर आयोग की बात नहीं मान रहे राजनीतिक दल

दुमका : वोटर को जागरूक करने को लेकर आज तरह तरह के जतन किए जा रहे हैं। स्वीप कार्यक्रम पर विशेष फोकस रहता है। कल तक राजनीतिक दल वोटर के प्रति संजीदा रहते थे। आज परिस्थिति बदली है, एक बदलाव की बयार है। चुनाव आयोग एक-एक वोटर को जागरूक करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रहा है। त्रुटिरहित मतदाता सूची के लिए बीएलओ (बूथ लेवल आफिसर) की प्रतिनियुक्ति की जाती है। मतदाताओं को हर एक बूथ तक जाने की सुविधा, जिनका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं है उनको सूचीबद्ध कराना। चुनाव का समय आने पर वोटर स्लिप हर एक वोटर तक पहुंचाना। इस कार्य में सहयोग करने के लिए आयोग हमेशा राजनीतिक दल से यह अपेक्षा रखता है कि वह एक एक बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) नामित करें। मकसद बीएलए व बीएलए का समन्वय बनाकर निर्वाचन कार्य को संपन्न कराना है। लेकिन आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपनी ओर से एक भी बीएलए नहीं दिया।

वोटर से सीधा रिश्ता रखते हैं राजनीतिक दल

वोटर से राजनीतिक दल का सीधा रिश्ता होता है। वह उनके भाग्य विधाता हैं। लेकिन मतदाता की चिता किसी भी राजनीतिक दल को उतनी नहीं रह गई जितनी आयोग कर रहा। एक पखवारे में दो दफा उपनिर्वाचन पदाधिकारी अशोक कुमार दास ने राजनीतिक दल के साथ बैठक कर निर्वाचन से संबंधी बातचीत में एक बार फिर बीएलए का मुद्दा उठाया। तब बात आई कि प्रपत्र दे दें, बीएलए की सूची बनाकर दे देते हैं। दरअसल आयोग के निर्देश पर बार-बार जिला निर्वाचन से राजनीतिक दलों के साथ पत्राचार किया जाता है। नतीजा आज भी नहीं निकल पाया है।

बीएलए का दायित्व

बीएलओ की तरह ही बीएलए हर एक बूथ पर नए मतदाता को सूचीबद्ध कराने का काम कर सकते हैं। प्रपत्र भरवाकर निर्वाचन कार्यालय में जमा कराकर उसे त्रुटिरहित बनवा सकते हैं। जब एक बीलएओ के साथ बीएलए हो जाएंगे तो शिकायत कम होगा। मतदान केंद्र बदलने व वोटर को सुविधा मुहैया कराने में भी उनकी भूमिका होगी। चूंकि बीएलए उसी क्षेत्र के होंगे तो वह हर बात से वाकिफ भी रहेंगे, सो निर्वाचन का कार्य भी सहूलियत से समय पर हो जाएगा।

क्या कहते हैं राजनीतिक दल

भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल ने कहा कि बैठक में बीएलए की सूची तो मांगी गई है। लेकिन गोपनीयता भंग होने के ख्याल से नहीं दिया गया है। ऐसे चुनाव के समय तो हर बूथ पर एजेंट नामित कर निर्वाचन को सूचना दे दी जाती है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्यामलकिशोर सिंह ने कहा कि बीएलओ पहले से काम करना शुरू कर देते हैं। प्रशासन की ओर से विलंब से सूचना आती है, इसलिए सूची नहीं दे पाते हैं। समय पर सूची मांगी जाए तो अवश्य दे देंगे।

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