90 परिवारों के बीच एक भी शौचालय नहीं

सरैयाहाट : उपायुक्त मुकेश कुमार द्वारा दो अक्टूबर को दुमका जिला को ओडीएफ घोषित किए जा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 05:36 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 05:36 PM (IST)
90 परिवारों के बीच एक भी शौचालय नहीं
90 परिवारों के बीच एक भी शौचालय नहीं

सरैयाहाट : उपायुक्त मुकेश कुमार द्वारा दो अक्टूबर को दुमका जिला को ओडीएफ घोषित किए जाने को लेकर प्रशासनिक स्तरपर युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है। इसके लिए सभी प्रखंडों को जिला के एक एक वरीय पदाधिकारी को ओडीएफ कराने का जिम्मा सौंपा गया है। जिसमें उक्त पदाधिकारियों की देखरेख में तेज गति से शौचालय निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन अभी भी कई गांवों के लोग शौचालय से वंचित हैं। जो शौच के लिए बाहर जाने को विवश हैं। इसका ताजा उदाहरण सरैयाहाट प्रखंड के पथरा पंचायत स्थित गो¨वदपुर गांव में देखने को मिल रहा है। जहां अभी तक एक भी शौचालय नहीं बना है। न ही किसी कर्मी द्वारा शौचालय निर्माण के लिए रीसर्वे किया गया है। जबकि ओडीएफ घोषित करने की तिथि दो अक्टूबर है। शौचालय निर्माण के लिए गड्ढ़ा तक नहीं खोदा गया है। जानकारी के अनुसार के अनुसार इस गांव की आबादी पांच सौ से अधिक है। जिसमें कुल 90 परिवार रहते हैं। गांव के महेंद्र कॉपरी, श्रीप्रसाद यादव, सहदेव यादव, विजेंद्र ठाकुर, बालू महतो, भोली राउत, बेलू ठाकुर, कलावती देवी, भारती देवी, अधवा देवी आदि ग्रामीणों ने बताया कि हमलोग शौचालय से वंचित हैं। ऐसे में ओडीएफ घोषित करना उचित नहीं होगा। इन लोगों ने बताया बीते वर्ष 2017 अगस्त-सितंबर माह में गड्ढा खोदो अभियान के तहत गांव के रामेश्वर कापरी, मनू राउत, घोलटन राउत, जंगली राउत, रामविलास यादव सहित बारह लोगों का शौचालय निर्माण के लिए रोजगार सेवक द्वारा गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया। लेकिन यह गड्ढा खोदाई तक ही समिति रह गया। हो सकता है कि निर्माण की राशि मनरेगा कर्मी द्वारा निकाल लिया होगा। लेकिन इसकी जानकारी नहीं है। उसके बाद इस गांव में एक भी शौचालय नहीं बना है। इस स्वच्छ भारत अभियान में भी शौचालय निर्माण की चर्चा किसी पंचायत पदाधिकारी द्वारा नहीं किया गया। वहीं जलसहिया के बारे में बताया गया कि वह विधवा थी। जिसने दूसरी शादी कर ली है तथा वह गांव में नहीं रहती है। पंचायत के अन्य गांवों में तेजी से शौचालय निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन इस गांव की ओर किसी पदाधिकारी का भी ध्यान नहीं है

जिसके कारण हम ग्रामीणों को शौच के लिए परेशानी होती है।

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