सामाजिक अंकेक्षण में अनियमितताओं की खुली पोल

सामाजिक अंकेक्षण में अनियमितताओं की खुली पोल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Mar 2020 05:17 PM (IST) Updated:Thu, 12 Mar 2020 05:17 PM (IST)
सामाजिक अंकेक्षण में अनियमितताओं की खुली पोल
सामाजिक अंकेक्षण में अनियमितताओं की खुली पोल

रामगढ़: रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय के बीआरसी भवन में गुरूवार को एमडीएम एवं विद्यालय से संबंधित सामाजिक अंकेक्षण की प्रखंड स्तरीय जन सुनवाई का आयोजन किया गया। जन सुनवाई में प्रखंड प्रमुख सुराजमुनी हांसदा, लखनपुर पंचायत के मुखिया जुगलाल सोरेन एवं दिलीप कुमार टुडू को ज्यूरी बनाया गया था। प्रखंड के 43 विद्यालय का प्रखंडस्तरीय जन सुनवाई की गयी। कई विद्यालय में एमडीएम संचालन में शिक्षकों द्वारा बरती गयी अनियमितता प्रकाश में आया। कुछ विद्यालय में एमडीएम का लोगों तक नहीं लगाया गया था। वहीं अधिकांश विद्यालय में शिक्षकों द्वारा विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक नहीं करने का मामला प्रकाश में आया। कई विद्यालय में मूलभूत सुविधा की भी कमी पायी गयी। एक विद्यालय में शिक्षक द्वारा बच्चों को दिये जाने वाले अंडा की राशि की निकासी की गयी थी लेकिन बच्चों को अंडा नहीं दिया गया था। वहीं कुछ विद्यालय में कैशबुक भी सही तरीके से दर्ज नहीं था। प्रखंड स्तरीय जन सुनवाई में विद्यालय के प्रधानाध्यापक, एसएमसी के अध्यक्ष, संयोजिका को भी उपस्थित रहना था। लेकिन इस दौरान केवल विद्यालय के प्रधानाध्यापक ही उपस्थित थे। बीईईओ मृगेन्द्र बायरा ने बताया कि रामगढ़ प्रखंड के 49 विद्यालय में सामाजिक अंकेक्षण की टीम द्वारा तीन फेज में सामाजिक अंकेक्षण किया गया था। पहला फेज वर्ष 2018 में छह विद्यालय में किया गया था, जिसका प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर जन सुनवाई हो चुकी है। वहीं दूसरा फेज सितंबर 2019 में 37 विद्यालय में तथा तीसरा फेज फरवरी 2020 में छह विद्यालय में किया गया था। गुरूवार को पहला एवं द्वितीय फेज के कुल 43 विद्यालय का प्रखंडस्तरीय जन सुनवाई का आयोजन किया गया। कुछ शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सामाजिक अंकेक्षण के नाम पर शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। सरकार द्वारा ही विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है। वहीं कई मूलभुत सुविधा भी नहीं दी जाती है। लेकिन इसके बाद भी इसमें शिक्षकों को ही प्रताड़ित होना होता है। इस दौरान जिला से सहायक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्यामसुंदर मोदक, बीईईओ मृगेन्द्र बायरा, बीपीओ, सोशल ऑडिट टीम के रेजीना मुर्मू, सुनीता सोरेन समेत अन्य शिक्षक उपस्थित थे।

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