दुमका के किसानों को मिल रही नैनो यूरिया

आर्थिक रूप से कमजोर और अपनी खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने को लेकर चितित दुमका के किसानों के लिए अच्छी खबर है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 09:33 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 09:33 PM (IST)
दुमका के किसानों को मिल रही नैनो यूरिया
दुमका के किसानों को मिल रही नैनो यूरिया

आर्थिक रूप से कमजोर और अपनी खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने को लेकर चितित दुमका के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। किसान अब यूरिया के विकल्प के तौर पर नैनो तरल यूरिया का इस्तेमाल सीधे फसलों पर छिड़काव के जरिए कर सकेंगे। हालांकि इफको निर्मित नैनो यूरिया का उत्पादन अभी कम होने के कारण अधिकांश किसानों तक इसकी पहुंच में थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन झारखंड की उपराजधानी दुमका में नैनी यूरिया की पहली खेप पहुंच चुकी है। बिना सब्सिडी वाली नैनो यूरिया को इफको सीएनएफ एजेंट को उपलब्ध कराया है। खुदरा दुकानों में भी यह उपलब्ध है।

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सामान्य यूरिया से कम कीमत पर उपलब्ध होगी नैनो यूरिया:

नैनो यूरिया का दाम यूरिया के प्रति बोरा से करीब 26.50 रुपये कम है। इसके 500 एमएल की बोतल किसानों को 240 रुपये में मिलेगी। जबकि दुकानों में इसे 218.50 रुपये में दिया जा रहा है। वहीं, 45 किलो के बोरा में पैक सामान्य अनुदानित यूरिया की कीमत 266.50 रुपये है। इफको के मुताबिक 500 एमएल यूरिया का इस्तेमाल 45 किलो यूरिया के समतुल्य है। नैनो यूरिया का छिड़काव सवा बीघा भू-भाग में लगे फसल में 15 दिनों के अंतराल में दो बार करना है। एक लीटर पानी में मात्र चार मिली लीटर नैनो खाद का उपयोग करना है। नैनो खाद के उपयोग से किसानों को आर्थिक लाभ के अलावा कृषि लागत में कमी आएगी और उत्पादकता भी बढ़ेगी। इफको के मुताबिक संताल परगना के दुमका, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा के अलावा गिरीडीह में पहली बार 48 हजार बोतल नैनो यूरिया उपलब्ध कराई गई है। इसमें अभी दुमका में 12 हजार और देवघर में छह हजार बोतल स्टाक में है। इफको के मुताबिक आने वाले दिनों में यह सामान्य यूरिया का विकल्प बनेगा और इसकी कालाबाजारी भी नहीं की जा सकेगी क्योंकि सामान्य खाद की उपयोगिता औद्योगिक कार्यों के लिए भी किया जाता है लेकिन नैनो खाद की उपयोगिता सिर्फ खेती के लिए ही होगी।

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वर्जन

----------- स्वदेशी नैनो फर्टिलाइजर को दुनिया में पहली बार शुरू किया गया है। इफको-नैनो बायोटेक्नोलाजी रिसर्च सेंटर कलोल गुजरात में पेटेंट तकनीक के द्वारा इसे तैयार किया गया है। नैनो यूरिया नाइट्रोजन का स्त्रोत है जो कि पौधों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के निर्माण एवं पौधे की संरचना व वानस्पतिक वृद्धि के लिए उपयोगी है। सामान्य तौर पर एक स्वस्थ पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा 1.5 से चार फीसदी तक होती है।

नवीन राय, एरिया मैनेजर इफको

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------------- सामान्य यूरिया खाद पौधों की जड़ पर पड़ती है। जबकि नैनो सीधे पत्तियों पर स्प्रे होगा। इसलिए यह ज्यादा असरदार है। इससे नाइट्रोजन की आवश्यकता प्रभावी तरीके से पूरी होगी। इसकी अवशोषण क्षमता 80 फीसद से भी अधिक पाई गई है, जो कि सामान्य यूरिया की तुलना में अधिक है।

डा.अजय कुमार द्विवेदी, प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र दुमका

------------------- पत्तियों पर छिड़काव के बाद नैनो यूरिया के कण स्टोमेटा एवं अन्य संरचनाओं के माध्यम से आसानी से पत्तियों में प्रवेश कर कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। यह कण बड़ी आसानी से पौधे की आवश्यकतानुसार अन्य भागों में वितरित हो जाता है। आवश्यकतानुसार पौधों को उपलब्ध होती रहती है।

अजय कुमार सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक, संताल परगना

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