गुरु के साथ मित्र व अभिभावक भी होते शिक्षक

शिक्षक गुरू के साथ मित्र व अभिभावक भी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Apr 2019 04:49 PM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2019 04:49 PM (IST)
गुरु के साथ मित्र व अभिभावक भी होते शिक्षक
गुरु के साथ मित्र व अभिभावक भी होते शिक्षक

जागरण संवाददाता, दुमका : जिला स्कूल दुमका में संथाल परगना महाविद्यालय दुमका के प्रथम वर्ष के बीएड प्रशिक्षुओं को विदाई दी गयी। वे जिला स्कूल में शिक्षण का व्यवहारिक प्रशिक्षण ले रहे थे। विदाई समारोह में प्राचार्य अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि शिक्षण कार्य सेवा भावना से किया जाने वाला कार्य है। एक उत्तम शिक्षक का चरित्र बहुत ही उज्ज्वल होना चाहिए। आप जहां भी शिक्षण कार्य करें लगन और निष्ठा से करें। एक शिक्षक वह सफल कुम्हार है जो बच्चों को जैसा चाहे वैसा बना सकता है। कहा कि इस बात को याद रखना चाहिए कि शिक्षक गुरु होने के साथ साथ मित्र और अभिभावक भी होता है। इसलिए शिक्षक और शिक्षण के सिद्धांतों को कभी नही भूले। जीवन में एक सफल शिक्षक बनें।

बीएड विभागाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक को अपने उत्तम ज्ञान से समाज के लिए ईमानदार और गुणवान इंजीनियर, शिक्षक, प्रशासक, वैज्ञानिक आदि का निर्माण करना चाहिए ताकि समाज और देश विकास की उंचाइयों को छूएं। कहा कि जिला स्कूल दुमका में बीएड प्रशिक्षुओं को कम समय में ज्यादा शिक्षण का व्यवहारिक ज्ञान सीखने को मिलता है। यहां के प्राचार्य के साथ साथ सभी शिक्षक एवं अन्य कर्मी मृदुभाषी एवं सहयोगी हैं। उपप्राचार्य मो. आइनुल हक अंसारी ने कहा कि शिक्षक समाज का भी पथ प्रदर्शक होता है। शिक्षक को उत्तम ज्ञान एवं उत्तम चरित्र का धनी होना चाहिए।

इंटर संकाय प्रभारी डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षण कार्य नि:स्वार्थ भावना से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक के ऊपर अभिभावक का सबसे ज्यादा विश्वास होता है। इस विश्वास पर शिक्षक को हमेशा खरा उतरना चाहिए। प्रशिक्षुओं ने कहा कि कम समय में हमलोग यहां शिक्षण के विभिन्न पहलुओं से रूबरू हुए। हमलोगों को अनुशासित एवं पारिवारिक माहौल मिला। विदाई समारोह में उपस्थित शिक्षक एलियन हांसदा, विजय कुमार दूबे, समरजीत राय, संगीत कुमार ठाकुर, दिलीप कुमार के अलावे अन्य शिक्षकों ने प्रशिक्षुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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