पहले समान वेतन, उसके बाद काम
दुमका ड मनेरगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से सभी मनरेगा कार्य ठप हो गए है। मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है।
दुमका : मनेरगा कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से जिले में मनरेगा से संचालित सभी काम बंद हो गए। न तो मजदूरों को रोजगार मिल रहा है और न ही प्रधानमंत्री आवास पूरा करने के लिए मजदूर। दूसरे दिन शनिवार को कर्मियों ने समाहरणालय परिसर में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। हेमंत सोरेन ने कर्मियों को सहयोग का आश्वासन दिया।
जिला बसंत कुमार टुडू ने कहा कि 12 साल से मनरेगा कर्मी पूरी इमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करते आ रहे हैं। परन्तु सरकार उनकी मांग पर अभी तक गंभीर नहीं हुई है। महंगाई के इस दौर में मानदेय के रूप में 52 सौ रुपये मिलता है। सभी विभाग में काम कराया जाता है। इसके बाद भी सरकार वेतन बढ़ाने की दिशा में कुछ नहीं कर रही है। एक मजदूर की मजदूरी से कम पैसा मिलता है। प्रमंडलीय अध्यक्ष जयदेव मुर्मू ने कहा कि जब तक समान काम के बदले में समान वेतन और स्थायीकरण नहीं किया जाएगा, तब तक कोई भी कर्मी काम नही काम करेगा। बीपीओ संजीव कुमार ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को बाजार दर के अनुसार मजदूरी सुनिश्चित की जाए। धरना देने वालों में उज्ज्वल गुप्ता, नीतू टुडू, रूबेन सोरेन आदि शामिल थे।
प्रखंड में ठप हुआ कामकाज
कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मनरेगा से संबंधित सारे काम बंद हो गए है। मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और प्रधानमंत्री आवास तैयार करने के लिए मजदूर बिना पैसा काम करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। एमआइएस का पूरा काम बंद हो गया है।