बाल संरक्षण इकाई में नियुक्ति प्रक्रिया डंप

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 05:06 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 05:06 PM (IST)
बाल संरक्षण इकाई में नियुक्ति प्रक्रिया डंप
बाल संरक्षण इकाई में नियुक्ति प्रक्रिया डंप

दुमका : बाल संरक्षण, बाल विवाह व बाल व्यापार जैसे गंभीर मामलों के निपटारा के लिए केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्रालय ने जिलास्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई गठित करने का प्रावधान किया है। इस कमेटी को प्रभावी बनाने के गरज से जिले के उपायुक्त को चयन समिति का पदेन अध्यक्ष बनाया गया है जिनके माध्यम से बाल संरक्षण पदाधिकारी (संस्थागत), लेखापाल, सामाजिक कार्यकर्ता, आउट रिच वर्कर, डाटा इंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति होनी है। अधिकृत सूत्र बताते हैं कि झारखंड के अधिकांश जिलों में जिला बाल संरक्षण इकाई में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है लेकिन झारखंड की उपराजधानी दुमका इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। दुमका जिले में बाल संरक्षण इकाई की नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अधर में लटका है और इससे संबंधित फाइल धूल फांक रही है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में जिला प्रशासन गंभीर नहीं है और इसके पीछे मुख्य वजह राजनीतिक दबाव माना जा रहा है। सूत्रों पर भरोसा करें तो जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कार्यालय में इससे संबंधित फाइल दबाकर रखा गया है। बताते चलें कि हाल के दिनों में दुमका जिले में बाल संरक्षण से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। दुमका जिले के हंसडीहा थाना क्षेत्र में संचालित नवोदय विद्यालय, हंसडीहा के ही जियाजोर गांव में संचालित ºीस्त राजा मिशनरी स्कूल के अलावा दुमका के संत जोसेफ स्कूल व बाल सुधार गृह में हुई घटनाओं में बाल संरक्षण इकाई के निष्क्रिय रहने की वजह से इस दिशा में प्रभावी तरीके से कार्रवाई संभव नहीं हो पाई। जबकि जिले में बाल विवाह पर अंकुश, विशेष दत्तक केंद्र के बच्चे, ऑफ्टर केयर होम के बच्चे की सुरक्षा व संरक्षण एक बड़ी चुनौती है। जानकार सूत्र बताते हैं कि समाज कल्याण मंत्री के जिले में एक साजिश के तहत तैयार मेधा सूची को प्रकाशित नहीं किया जाना साजिश का हिस्सा है। विडंबना है कि जिला बाल संरक्षण इकाई दुमका में 12 पद में नौ पद खाली है। जिसकी नियुक्ति नियुक्ति चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेधा घोटाला के लिए संचिका को डंप कर दिया गया है।

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