नवजात बच्चियों को पत्नी के शव के पास छोड़ भागा

बालिका दिवस पर जहां लोग बेटियों की प्रगति की कथा कहते नहीं थक रहे हैं। वहीं दुमका में जन्म लेते ही दो बच्चियों के पिता ने उनपर सितम ढाहना शुरू कर दिया। इन दोनों नवजात बच्चियों के सिर से मां चिंता देवी का साया उठ गया।

By Gautam OjhaEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 08:00 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 08:00 PM (IST)
नवजात बच्चियों को पत्नी के शव के पास छोड़ भागा
दुमका के बासुकीनाथ में सोमवार को दोनों नवजातों को दूध पिलाती महिला। जागरण

रूपेश झा लाली, बासुकीनाथ (दुमका)। उन मासूमों को अहसास भी नहीं कि जन्म लेते ही उन पर सितम बरसेंगे। जन्म के साथ ही दोनों नवजात बच्चियों के सिर से मां चिंता देवी का साया उठ गया। पिता सुभाष सिंह तो फर्ज से विमुख हो पत्नी का शव व दोनों बच्चियों छोड़कर भाग गया। मकान मालिक निरंजन महतो ने सुभाष के घर व ससुराल वालों से संपर्क किया, किसी ने अंतिम संस्कार के लिए हामी नहीं भरी। तब नगर पंचायत को जानकारी दी गई। इसके बाद अंतिम संस्कार हुआ। चिंता की चिता को पति के हाथों आग भी नहीं मिली। बच्चियों का ध्यान मकान मालकिन रिंकू देवी रखे हैं।

हमारी संस्कृति में रिश्तों की अत्यधिक महत्ता है। बावजूद इस घटना से समाज को शर्मसार कर दिया है। बासुकीनाथ रेफरल अस्पताल इलाके में रहने वाली रिंकू देवी ने बताया कि सरैयाहाट के लोडिया निवासी सुभाष अपनी पत्नी के साथ हमारे यहां किराए पर रहने आया। सुभाष दैनिक मजदूर था। शनिवार को चिंता देवी ने दो बच्चियों को जन्म दिया। शनिवार देर रात जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता की हालत बिगड़ी। उसकी मौत हो गई। पड़ोसी रात तक दुख जताते रहे। दाह संस्कार रविवार सुबह करने का निर्णय हुआ। सुबह छह बजे ही सुभाष सिंह शव व दोनों बच्चियों को हम लोगों के भरोसे छोड़ भाग गया। दोपहर तक उसका इंतजार करते रहे। सोचा रुपये का इंतजाम दाह संस्कार के लिए करने गया होगा। जब नहीं लौटा तो उसके घरवालों एवं ङ्क्षचता देवी के मायके वालों से बात की। दोनों परिवारों ने दाह संस्कार करने व बच्चियों के पालन से इन्कार कर दिया। तब कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को जानकारी दी। उन्होंने कुछ आर्थिक सहायता भेजी। पुलिस ने भी ङ्क्षचता देवी के मायके व ससुराल वालों से संपर्क किया। दोनों परिवारों ने पुलिस की भी नहीं सुनी। रविवार की शाम नगर पंचायत की मदद से शव का अंतिम संस्कार किया गया। रिंकू दोनों बच्चियों की देखभाल कर रही हैं। क्षेत्र के मनोरंजन झा व बाटुल झा ने दोनों बच्चियों को जिला प्रशासन को अपने संरक्षण में लेने की मांग की है।

बच्चियों को ममता की छांव देने बढ़े हाथ : बच्चियों की मां की मृत्यु होने, पिता के द्वारा छोड़े जाने की सूचना पर कुछ लोग आगे आए। ताकि उनको ममता की छांव दे सकें, गोद दे सकें। मगर रिंकू देवी का कहना था कि बच्चियों को जिला प्रशासन को देंगे। ताकि नियमों की परिधि में ही मासूमों को किसी को सौंपा जाए।

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