विवि की शांति के लिए 58 दिनों में की 150 किमी की यात्रा

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के प्रति भक्ति श्रद्धा व आस्था रखने वाले भक्तों की कमी नहीं है। बाबा बासुकीनाथ को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु तरह-तरह के जतन करते हैं। सुल्तानगंज से दंडवत यात्रा करते हुए दो यात्री भादो माह के सोमवार को बासुकीनाथ पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 Aug 2020 05:05 PM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 06:20 AM (IST)
विवि की शांति के लिए 58 दिनों में की 150 किमी की यात्रा
विवि की शांति के लिए 58 दिनों में की 150 किमी की यात्रा

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के प्रति भक्ति, श्रद्धा व आस्था रखने वाले भक्तों की कमी नहीं है। बाबा बासुकीनाथ को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु तरह-तरह के जतन करते हैं। सुल्तानगंज से दंडवत यात्रा करते हुए दो यात्री भादो माह के सोमवार को बासुकीनाथ पहुंचे। जलाभिषेक की अनुमति अभी नहीं होने के कारण यात्रियों का जल मंदिर कर्मियों ने ले लिया। गंगाजल व पूजन सामग्री लेकर बताया गया कि दोपहर की विश्राम पूजा में इनके जल को पुजारी के द्वारा बाबा बासुकीनाथ पर अर्पित किया जाएगा। सरकार के नियमों को मानते हुए दोनों दंडी यात्रियों ने मंदिर कर्मियों के आग्रह को स्वीकार किया। कठिन तपस्या कर अपने साथ लाए गए गंगाजल को मंदिर कर्मियों को सौंप दिया।

बिहार के लखीसराय जिला के लहाटपुर निवासी रामहरि सिंह व दरभंगा जिला के बुढ़हारा निवासी अशोक यादव दोनों दंडी यात्री ने बताया कि प्राणियों में विश्व शांति व विश्व बंधुत्व की भावना कायम करने के उद्देश्य से उन्होंने यह यात्रा प्रारंभ की थी। सुल्तानगंज से बाबाधाम के रास्ते बासुकीनाथ तक की 150 किलोमीटर की लंबी यात्रा दंडवत प्रणाम करते हुए बासुकीनाथ मंदिर तक कुल 58 दिनों में पूरी की। दंडी यात्री रामहरि सिंह ने बताया कि उन्होंने यह यात्रा 6 जुलाई को प्रारंभ की थी। बताया कि समाज में आपसी प्रेम व भाईचारा का संदेश देने के लिए, परिवार की खुशहाली के निमित्त सुल्तानगंज से बासुकीनाथ की डेढ़ सौ किलोमीटर की लंबी दंड यात्रा 31 अगस्त सोमवार को 58 दिनों में पूरी की।

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