केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा धनुर्धरों को तराशने को पांच साल में खर्च होगा 115 करोड़

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आवासीय मंत्रालय की ओर से तीरंदाजों को स्थानीय स्तर पर तराशने की गंभीरता से कोशिश हो रही है। हमारी कोशिश है बच्चे स्कूल से बाहर निकलते ही उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Sep 2022 05:55 PM (IST) Updated:Sat, 24 Sep 2022 05:55 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा धनुर्धरों को तराशने को पांच साल में खर्च होगा 115 करोड़
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मिलते भारतीय तीरंदाजी संघ के सदस्य।

जागरण संवाददाता, दुमका : केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री सह भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने शनिवार को दुमका के विजयपुर स्थित राज्यस्तरीय आवासीय तीरंदाजी केंद्र के धनुर्धरों से मिलने के बाद कहा कि तीरंदाजी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अगले पांच साल के लिए नई योजना की शुरुआत हो रही है। इस योजना पर 115 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, जिसमें प्रत्येक साल 27 करोड़ रुपये खर्च होगा। मुंडा ने कहा कि इस राशि से तीरंदाजों को प्रशिक्षण, विभिन्न स्थानों पर तीरंदाजी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके तहत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को बेहतर मंच देने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस समय देश भर में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सभी खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अच्छे खिलाड़ियों को उचित मंच भी मिल रहा है।

झारखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। लक्ष्य यह है कि हमारे देश के प्रतिभावान खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल हासिल करें। इसके लिए तमाम कोशिश की जा रही है। अर्जुन ने कहा कि केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्रालय के माध्यम से तीरंदाजों को स्कूली स्तर पर तराशने की भी गंभीरता से पहल हो रही है। इस मंत्रालय के तहत संचालित होने वाले विभिन्न राज्यों के आवासीय विद्यालयों को चिह्नित कर कक्षा छह से 12 के छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही तीरंदाजी का गुर सिखाने की पहल हो रही है। मंशा है कि स्कूल कैंपस से निकलते ही ऐसे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।

अर्जुन ने कहा कि ग्रामीण भारत की परंपरा तीरंदाजी से जुड़ी है। इसमें असीम संभावनाएं हैं और इसी को तराश कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की पहल होगी। एक सवाल पर अर्जुन ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने वाली जो भी नीति होगी वह बेहतर है। कहा कि दुमका में राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए संभावनाओं को टटोलने के लिए केंद्र से एक टीम यहां भेजा जाएगी। खिलाड़ियों की रुचि को ध्यान में रखकर नीतियां तय हो यह जरूरी है। इस मौके पर सांसद सुनील सोरेन, अमेंरद्र सिंह मुन्ना, प्रदेश तीरंदाजी संघ के वरीय उपाध्यक्ष ई.केएन सिंह, प्रशिक्षक सुमित मिश्रा, मोहन साहू, गुंजन मरांडी, मृणाल मिश्र, संतोष साह, संजय केशरी, अमन अम्मू, स्वामी आत्मानंद समेत कई मौजूद थे।

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