वीएसएस एफसीआइ कर्मियों की उम्मीद बढ़ी, मिल सकता बकाया
27 वर्षों की लड़ाई के बाद वीएसएस एफसीआइ र्किमयों के बकाये भुगतान पर मंत्री ने जताई सहमति
संवाद सहयोगी, सिदरी : केंद्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने 27 वर्षों की लंबी लड़ाई के बाद फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआइएल) के पूर्व कर्मचारियों के 1992 के वेतन पुनरीक्षण के आधार पर पुनरीक्षित वेतन भुगतान पर सहमति जताई है। ऑल इंडिया वीएसएस इंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवा सिंह ने दिल्ली से मंगलवार को इसकी जानकारी दी। एफसीआइ के पूर्व कर्मचारियों का 1992, 1997 और 2002 का तीन-तीन वेतन पुनरीक्षण बकाया था।
केंद्रीय उर्वरक मंत्री के 1992 के वेतन पुनरीक्षण की स्वीकृति से एफसीआइएल के सिदरी, गोरखपुर, तालचर और रामागुंडम के बंद उर्वरक संयंत्र के लगभग पांच हजार कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। एफसीआइएल के पूर्व कर्मचारियों की पांच सूत्री मांगों को लेकर नई दिल्ली में उर्वरक विभाग और एसोसिएशन की आठ जुलाई को वार्ता हुई। इसमें 1992 के बकाया वेतन पुनरीक्षण, एडहॉक ग्रेच्यूटी का भुगतान, सर्वोच्च न्यायालय में इस संबंध में चल रहे मुकदमें को वापस लेने, आवासों की लीज अवधि बढ़ाने, हर्ल के निर्माणाधीन उर्वरक संयंत्र में पूर्व कर्मचारियों के एक आश्रित को नियोजन में प्राथमिकता देने के मामले की चर्चा हुई। उर्वरक विभाग के अधिकारियों ने सकारात्मक कारवाई का आश्वासन दिया। वार्ता में उर्वरक विभाग के अतिरिक्त सचिव धरमपाल, एफसीआइएल के सीएमडी सह वित्त निदेशक निरंजन लाल, एसोसिएशन के सिदरी से सेवा सिंह, गोरखपुर से केपी त्रिपाठी, बेचन प्रसाद, रामागुंडम से जीएन राव, आरएसएन राव, टी राजनंदन, तालचर से एलएम होता, एमसी प्रधान व मार्केटिग से राम प्रसाद ने भाग लिया।