कृपया ऐसा न करें, ताकि किसी और को न होना पड़े शर्मिंदा
Unique campaign. यहां ट्रेनों व सार्वजनिक शौचालयों में लिखे अश्लील कमेंट्स को मिटाने की मुहिम जारी है।
धनबाद, आशीष सिंह। ट्रेनों व सार्वजनिक शौचालयों में लिखे अश्लील कमेंट्स को मिटाने की मुहिम जारी है। भद्दी टिप्पणियां साफ कर, लिख रहे- कृपया अश्लीलता न फैलाएं, इस शौचालय का प्रयोग आपकी मां-बहन भी करेंगी..। यह मुहिम झारखंड के धनबाद में चलाई जा रही है। स्टेशन से गुजरने वाली हर एक ट्रेन, शहर के हर एक पार्क, सार्वजनिक शौचालय, सरकारी इमारतें, बस स्टेंड.. इसकी जद में है।
महज एक साल पहले की बात है। धनबाद के गांधी नगर के उत्तम सिन्हा कोलफील्ड एक्सप्रेस से हावड़ा से धनबाद आ रहे थे। साथ में पत्नी अपर्णा और आठ साल की बेटी वर्षा भी थी। ट्रेन कुछ ही दूर चली थी कि बेटी बोली- पापा टॉयलेट जाना है। उत्तम उसे शौचालय तक ले गए। बाहर आने के बाद बेटी ने शौचालय के अंदर दीवारों पर लिखी इबारत के बारे में ऐसे प्रश्न पूछे कि वे स्तब्ध रह गए। बेटी के सवालों ने उनको झकझोर दिया।
अंदर गए और शौचालय की दीवार में लिखे अश्लील वाक्य तत्काल मिटाए। तब से लेकर अब तक उत्तम विभिन्न रूट्स की ट्रेनों में 250 से अधिक शौचालय की दीवारों पर लिखे अपशब्द मिटा चुके हैं। साथ ही लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि ऐसी कोई बात इन दीवारों पर न लिखें। जिन्हें आपकी मां, बहन व घर के सदस्य पढ़कर शर्मिंदा हों। कोई ऐसा करता है तो उन्हें रोकें। अश्लील कमेंट मिटाने के बाद उत्तम ट्रेन की दीवार पर पोस्टरनुमा कागज चिपकाते हैं, जिस पर लिखा होता है- स्टॉप राइटिंग, इस शौचालय का प्रयोग आपकी मां-बहन भी करेंगी।
उत्तम का कपड़े का कारोबार है। वे अकसर पटना, छपरा, कोलकाता, छत्तीसगढ़, लखनऊ, कानपुर और लुधियाना जैसे शहरों में जाते हैं। इस रूट की लगभग सभी ट्रेनों में वे सफर करते हैं। इस दौरान ट्रेन के शौचालयों में अश्लील टिप्पणियां लिखी दिखती हैं तो उसे तत्काल मिटाते हैं। ट्रेन के शौचालय से शुरू की मुहिम को उत्तम ने विस्तार दिया है। अब वे पार्क, सरकारी कार्यालय, बस स्टैंड और होटल के शौचालयों में लिखी अश्लील टिप्पणियों को भी मिटा रहे हैं।
एक वर्ष में उत्तम पार्क, सरकारी कार्यालय, बस स्टैंड, होटल आदि के 180 शौचालयों में लिखे गंदे कमेंट्स मिटा चुके हैं। उत्तम की पत्नी अपर्णा भी इसकी सराहना करती हैं। दो टूक कहती हैं कि पति ने ऐसी मुहिम शुरू की जिससे सभी को सबक लेना चाहिए। वहीं उत्तम कहते हैं कि ऐसा काम करने वालों को लिखने से पहले यह भी सोचना चाहिए कि हो सकता है कभी उनके घर के सदस्य इस शौचालय का प्रयोग करें। उन पर क्या बीतेगी। सोच कर देखिए। आत्मा तक शर्मसार होगी। फिर ऐसा काम क्यों। हम जो कर रहे हैं उससे अंतस को शांति मिलती है।