नीरज हत्याकांडः मजिस्ट्रेट ने चार आरोपितों की पहचान प्रक्रिया पर लगाई मुहर

जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे की अदालत में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अर्पित श्रीवास्तव से बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सवा घंटे तक पूछताछ की। उनसे आठ सवाल पूछे।

By mritunjayEdited By: Publish:Sun, 24 Feb 2019 01:36 PM (IST) Updated:Sun, 24 Feb 2019 01:36 PM (IST)
नीरज हत्याकांडः मजिस्ट्रेट ने चार आरोपितों की पहचान प्रक्रिया पर लगाई मुहर
नीरज हत्याकांडः मजिस्ट्रेट ने चार आरोपितों की पहचान प्रक्रिया पर लगाई मुहर

धनबाद, जेएनएन। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में लगातार दूसरे दिन गवाही हुई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत में शनिवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी का बयान दर्ज किया गया। कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने के कुछ हीं देर बाद 11.41 बजे अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने कांड के अहम गवाह प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अर्पित श्रीवास्तव से मुख्य परीक्षण शुरू किया।  

आदित्य ने मेरे सामने की थी संदिग्धों की पहचान : मजिस्ट्रेट श्री श्रीवास्तव ने अनुसंधान के दौरान विभिन्न तिथियों को कुल 5 संदिग्धों अमन सिंह, सोनू उर्फ  कुर्बान अली, सागर सिंह उर्फ शिबू, चंदन उर्फ रोहित सिंह उर्फ  सतीश सिंह, डबलू मिश्रा उर्फ  राकेश कुमार मिश्रा उर्फ  डबलू गिरि उर्फ  मृत्युंजय की पहचान परेड मंडल कारा धनबाद में कराई थी। वहीं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर दो गवाहों आदित्य राज  एवं धीरज गुप्ता का धारा 164 के तहत बयान दर्ज किया था। अदालत से प्राप्त गवाह के बयान की सच्ची प्रतिलिपि के मुताबिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि पहचान परेड में आदित्य राज ने कहा था कि वह अमन सिंह को गाड़ी की लाइट में गोली चलाते देखा था। आदित्य ने संदिग्ध सोनू उर्फ कुर्बान की पहचान पिस्टल से गोली चलाते हुए व्यक्ति के रूप में की थी। आदित्य ने संदिग्ध सागर सिंह उर्फ  शिबू की पहचान गोली चलाने वाले के रूप में की थी। और कहा था कि सागर ने पहले ड्राइवर पर गोली चलाई फि र नीरज पर गोली चलाई। आदित्य ने चंदन उर्फ  रोहित सिंह उर्फ सतीश की पहचान नीरज पर गोली चलाते हुए अपराधी के रूप में की थी। वहीं 22 जून 17 को  राम अहलाद राय एवं उमदा देवी ने डबलू मिश्रा उर्फ  राकेश मिश्रा उर्फ डबलू गिरि उर्फ  मृत्युंजय की पहचान मुन्ना जी के नाम से घर किराए पर लेने आए व्यक्ति के रूप में की थी। वहीं 16 नवंबर 17 को गवाह धीरज गुप्ता एवं 11 दिसंबर 17 को आदित्य राज का बयान धारा 164 के तहत दर्ज किया था।  

सवा घंटे तक चली गवाही : जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे की अदालत में शनिवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अर्पित श्रीवास्तव से बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सवा घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने उनसे आठ सवाल पूछे। 

संजीव के बॉडीगार्ड समेत पांच की गवाही नहीं कराने का आवेदनः सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक ओमप्रकाश तिवारी ने कोर्ट में आवेदन देकर पांच गवाहों की गवाही नहीं कराने का आवेदन दायर किया। अभियोजक ने गवाह पुलिस मुन्ना कुमार सिंह (कुंती सिंह के सरकारी अंगरक्षक) पुलिस राजेश कुमार सिंह, पुलिस सत्येन्द्र सिंह, विधायक के सरकारी अंगरक्षक व आरोप पत्र के गवाह अखिलेश सिंह व विकास सिंह को आवेदन देकर कोर्ट में गीव अप कर दिया और कहा कि अभियोजन इन गवाहों का परीक्षण नहीं करना चाहता।

क्या दिया था पुलिस को बयानः नीरज हत्याकांड के कांड दैनिकी के में अनुसंधानक निरंजन तिवारी ने पुलिस मुन्ना कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह और सत्येन्द्र सिंह का बयान दर्ज किया है। तीनों ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि 21 मार्च 17 को दोपहर में विधायक जमानत कराने सिविल कोर्ट गए थे। जमानत करा कर कोर्ट से वापस बंग्ला आए। शाम मे उन्हें झरिया में गायिका देवी के प्रोग्राम में आमंत्रण था और वहां जाना था। इस हेतु वे सभी लोग झरिया जाने के लिए तैयार बैठे थे। तभी खबर आई कि नीरज बाबू पर गोली चल गई है। खबर सुनकर विधायक ने झरिया जाने के कार्यकर्म को रद्द  कर दिया था और बंगला में ही रूक गये थे। वहीं विकास सिंह व  अखिलेश सिंह ने पुलिस को बताया था कि पुलिस ने सिंह मेंशन और उनके निवास में सर्च किया था। वहां से सीसीटीवी सर्च किया था पर दोनों जगह से कोई आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ था। 

बचाव पक्ष ने किया विरोधः अभियोजन के आवेदन का पुरजोर विरोध करते हुए विधायक के अधिवक्ता मो. जावेद ने कहा कि इस नजरिए से अभियोजन कोई भी ऐसे साक्ष्य के परीक्षण से इनकार नहीं कर सकता कि वह वादी के केस को सपोर्ट नही कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभियोजन जानबूझकर बचाव पक्ष को मदद करने वाला साक्ष्य अदालत के सामने नहीं आने देना चाहता ताकि सच सामने ना आए। अधिवक्ता जावेद ने कहा की पहले ही अनुसंधानक ने बारह अंगरक्षक जिनमें सात जैप के जवान और पांच जिला पुलिस के जवान हैं, उनमें से तीन का ही बयान लिया और अब अभियोजक उन तीनों का भी बयान नहीं कराना चाहते जो प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।  

कड़ी सुरक्षा में हुई विधायक संजीव की पेशी : जेल प्रशासन ने विधायक संजीव सिंह, डबलू मिश्रा, धनजी सिंह, पिंटू सिंह, संजय सिंह और विनोद सिंह को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में लगभग 11. 37 में कोर्ट में पेश किया गया।

वीडियो कांफ्रें सिंग से हुई अन्य आरोपितों की पेशीः कांड के आरोपित विधायक संजीव सिंह, डबलू मिश्रा, धनजी सिंह, संजय सिंह, पिंटू सिंह और विनोद सिंह को  धनबाद जेल से सशरीर कोर्ट लाया गया वहीं अन्य आरोपित अमन सिंह को हजारीबाग जेल से, सागर उर्फ  शिबू को गिरिडीह जेल से,  रोहित उर्फ  चंदन उर्फ सतीश को जमशेदपुर जेल से, कुर्बान अली उर्फ सोनू को दुमका जेल से व पंकज को होटवार रांची जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। 

27 -28 फ रवरी को होगी सुनवाईः  अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए फि र 27 एवं 28 फ रवरी की तारीख  निर्धारित की है। अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्देश दिया है। अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि गवाही के लिए टेलीकॉम कंपनियों के नोडल ऑफि सर को बुलाया जाएगा।  

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