सरना कोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव पारित होने पर आदिवासी समाज ने ऐसे जाहिर की खुशी
झारखंड विधानसभा में सरना धर्म कोड से संबंधित प्रस्ताव पारित होने को लेकर आदिवासी समाज में काफी खुशी है। अपनी इस खुशी को समाज के लोगों ने नाच गाकर जाहिर किया। इस कड़ी में गुरुवार को समाज के महिला पुरुष रणधीर वर्मा चौक
धनबाद, जेएनएन: झारखंड विधानसभा में सरना धर्म कोड से संबंधित प्रस्ताव पारित होने को लेकर आदिवासी समाज में काफी खुशी है। अपनी इस खुशी को समाज के लोगों ने नाच गाकर जाहिर किया। इस कड़ी में गुरुवार को समाज के महिला पुरुष रणधीर वर्मा चौक पर जुटे और मांदर बांसुरी बजा कर अपनी खुशी का इजहार किया। इस दौरान सभी लोग पारंपरिक वेशभूषा पहने हुए थे। महिलाएं सिर पर कलश लिए हुए एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल नाच रही थी। नाचते हुए समाज के लोगों ने रणधीर वर्मा चौक की परिक्रमा भी की। इस दौरान झामुमो जिला अध्यक्ष रमेश टूडू भी आदिवासी रंग में रंगे नजर आए। पार्टी के जिला उपाध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह, सचिव पवन महतो, मदन महतो समेत तमाम लोग इस उत्सव में शामिल हुए।
इस संबंध में झामुमो जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने कहा कि काफी लंबे समय के बाद आदिवासियों को उनका धार्मिक हक दिलाने का काम झारखंड सरकार ने किया है। एक लंबे अंतराल के बाद धार्मिक अधिकार मिलना बड़ी खुशी की बात है। इसके लिए समाज के लोग झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आभारी हैं। अब केंद्र सरकार को आदिवासियों को उनका धार्मिक अधिकार देना है। जिला उपाध्यक्ष मुकेश सिंह ने कहा कि अभी तक आदिवासी समाज को हिंदू धर्म से जोड़कर देखा जाता था। जबकि इनके अपने रीति रिवाज और पूजा पाठ की अपनी पद्धति है। ऐसे में इस समाज को भी धार्मिक पहचान मिले यह जरूरी था। इस काम को झारखंड सरकार ने पूरा कर दिखाया है। लोगों का विश्वास भी सरकार पर से बढ़ा है।