नक्सल प्रभावित इन गांवों में महिलाओं ने ऐसे घोली जीवन में मिठास

घोर नक्सल प्रभावित गांवों में महिलाएं मधुमक्खी पालन के जरिए अपनी जिंदगी बदल रही हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 07 Aug 2017 11:18 AM (IST) Updated:Mon, 07 Aug 2017 11:18 AM (IST)
नक्सल प्रभावित इन गांवों में महिलाओं ने ऐसे घोली जीवन में मिठास
नक्सल प्रभावित इन गांवों में महिलाओं ने ऐसे घोली जीवन में मिठास

दिनेश कुमार, धनबाद। धनबाद के टुंडी प्रखंड में घोर नक्सल प्रभावित मनियाडीह, जीतपुर, नवादा, बंगारो, पलमा समेत आधा दर्जन गांवों में महिलाएं बदलाव की नई कहानी लिख रही हैं। वह मधुमक्खी पालन के जरिए अपनी जिंदगी बदल रही हैं। शहद उनकी जिंदगी में मिठास भर रही हैं। इन गांवों के हर घर में अब ‘लेडीज हनी फॉर्मर’ हैं।

पहाड़ों की तलहटी में बसे इन गांवों की महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में उतरी हैं। कृषि विभाग ने उन्हें जरूरी प्रशिक्षण और आवश्यक साजोसामान दिया। महिलाएं अपने घरों में ही मधुमक्खी पालन करती हैं। शहद संग्रह के बाद इसे बाजार में बेचा जाता है। ज्यादा माल होने पर खरीदार ही टुंडी पहुंच जाते हैं। शहद की मांग अब धनबाद के अलावा गिरिडीह और कोलकाता तक होने लगी है।

प्रखंड उप प्रमुख के प्रतिनिधि मंगल प्रसाद ने इन महिलाओं को मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया। नवादा गांव की सावित्री देवी बताती हैं कि अब वह भी परिवार की आय में सहयोग करने लगी हैं। कुछ महिलाएं छोटे तो कुछ बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन कर रही हैं। शुरुआत में कई तरह की दिक्कतें भी आईं, लेकिन महिलाओं ने हार नहीं मानी। अब वे इस काम में पारंगत हो चुकी हैं।

ऐशे बढ़ी आय

एक डिब्बे में करीब छह माह में दो किग्रा शहद तैयार हो जाता है। इसे वे बाजार में 600 रुपये प्रति किग्रा कीमत में बेच देती हैं। इस तरह 10 डिब्बे में मधुमक्खी पालन करने पर छह माह में करीब 12 हजार रुपये की आय हो जाती है।

स्वावलंबन का सहारा

इलाका काफी पिछड़ा है। यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है। लोगों को आजीविका के लिए मजदूरी करने शहर जाना पड़ता है। अधिकतर की आय का जरिया बस खेती ही है। ऐसे में महिलाओं के मधुमक्खी पालन से बड़ी सहायता मिल रही है।

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घर चलाने के लिए पैसा जरूरी है। इसी कारण यहां के गांवों की महिलाएं खुद आगे आई हैं। मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण पाकर वे खुद यह काम कर रही हैं।

-मंगल प्रसाद, प्रखंड उप प्रमुख के प्रतिनिधि, टुंडी

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