खादी व खाकी के महागठबंधन से कोयले की लूट; मास्‍क व हेलमेट तक स‍िमटी प्रशासन बाबू की ज‍िम्‍मेवारी

धनबाद जिले में अपराध और कोयला चोरी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। यह हैरान करने वाली बात है कि जिले में एक आइएएस अधिकारी और तीन आइपीएस अधिकारी के होते हुए भी प्रशासन कोयले की चोरी नहीं रोक पा रही है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 01:01 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 01:01 PM (IST)
खादी व खाकी के महागठबंधन से कोयले की लूट; मास्‍क व हेलमेट तक स‍िमटी प्रशासन बाबू की ज‍िम्‍मेवारी
धनबाद जिले में अपराध और कोयला चोरी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद : जनसभा के जिलाप्रतिनिधि सह आरटीआइ कार्यकर्ता अरबिन्द सिन्हा ने उपायुक्त और एसएसपी को पत्र लिखकर धनबाद में बढ़ते कोयला चोरी और अपराध पर रोक लगाने की मांग की है। आरटीआइ कार्यकर्ता ने लिखा है कि पिछले कुछ महीनों में धनबाद जिले में अपराध और कोयला चोरी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। यह हैरान करने वाली बात है कि जिले में एक आइएएस अधिकारी और तीन आइपीएस अधिकारी के होते हुए भी प्रशासन न अपराध पर नियंत्रण कर पाने में सक्षम है और न ही कोयले की चोरी रुक रही है।

एक सर्वे से पता चला है कि कोयला चोरी के कारण बीसीसीएल को हर दिन लगभग 11 करोड़ का नुकसान हो रहा है। पहले जिले में एक उपायुक्त और एक एसपी हुआ करता थे। हाल के कुछ वर्षों में कोयलांचल को एक एसएसपी, एक ग्रामीण एसपी और एक शहरी एसपी मिला। कोयलांचल वासियों में उम्मीद जगी कि अब चोरी एवं अपराधिक घटनाएं पहले के अपेक्षा अब कम हो होंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। वर्ष 2020 में कुल 77 और 2021 में 70 हत्याओं से कोयलांचल की काली धरती रक्त रंजित हुई। पिछले दिनों में लाला खान, नन्हे खान और नीरज तिवारी की जिस प्रकार दिन दहाड़े हत्या हुई, इससे पूरा कोयलांचल डर से सहम गया। बात यहीं खत्म नही होती है। छेड़खानी और महिलाओं से चेन छीनने की वारदातों में भी इजाफा हुआ है। ऐसा लगता है मानो पुलिस का काम अब केवल बिना मास्क पहने और बिना हेलमेट पहने लोगों को पकड़ना ही रह गया है। यह पूरे पुलिस डिपार्टमेंट के लिए शर्म की बात है। बढ़ती कोयला चोरी के कारण युवा वर्ग भटकाव की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिधर देखो उधर कोयले की लूट मची है। सुनसान सड़के हो या व्यस्त सड़कें साईकिल और स्कूटर से अवैध कोयला ढोने वाले लोग पुलिसकर्मियों के सामने से पुलिस को चिढ़ाते हुए बड़े आराम से अवैध डिपो में कोयला पहुंचाते हैं।

आम लोगों को जलावन के लिए कोयला मिल नहीं मिल रहा है और अवैध कोयला डिपो व अवैध भट्ठा चलाने वाले लोग कोयले की काली कमाई से बेनामी संपत्ति का पहाड़ खड़ा कर रहे हैं। कोयला चोरी के खिलाफ जो लोग आवाज उठा रहे हैं, उन पर कोयला चोरों और उसके शागिर्दों हमला करते हैं। पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बनी हुए है। कई लोगों ने राज्य सरकार को भी इसकी जानकारी दी है लेकिन कोयला चोरी पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की गई। कार्रवाई न होने से ऐसा लगता है मानो जिला प्रशासन और राज्य सरकार दोनों को सांप सूंघ गया हो। इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोयला चोरी की घटनाओं में न केवल कोयला चोर और कोल माफिया बल्कि खादी के साथ कुछ खाकी का भी गठजोड़ है।

जिस प्रकार से धनबाद की भू संपदा को तीव्र गति से लूटा जा रहा है यदि समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में कतरास और धनबाद में रहना मुश्किल हो जाएगा। अरबिंद सिन्हा ने बताया कि इस संबंध में धनबाद एसएसपी और धनबाद उपायुक्त को पत्र लिखकर अपराध और कोयला चोरी रोकने के लिए आग्रह किया है। राज्य सरकार को भी ट्वीट के माध्यम से इस संबंध में जानकारी दी है। लोगों से अपील की है कि यदि जिला प्रशासन और राज्य सरकार कोयला की चोरी और धनबाद में बढ़ते अपराध को कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो समस्त कोयलांचल वासियों को जल्द ही एक जन आंदोलन करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

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