भक्तों के लिए खुल गए धार्मिक स्थलों के दरवाजे, शक्ति मंदिर में दर्शन से पहले कराना होगा निबंधन Dhanbad News

धनबाद के शक्ति मंदिर में दर्शन से एक दिन पूर्व निबंधन कराना पड़ेगा। इसके लिए आधार कार्ड की छायाप्रति अथवा नंबर अनिवार्य होगा। निबंधन के दौरान ही भक्तों को बता दिया जाएगा कि अगले दिन उन्हें किस समय उपस्थित होना है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 07:45 AM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 07:45 AM (IST)
भक्तों के लिए खुल गए धार्मिक स्थलों के दरवाजे, शक्ति मंदिर में दर्शन से पहले कराना होगा निबंधन Dhanbad News
भक्तों के लिए खुला कतरास स्थित मां लिलाैरी देवी का मंदिर।

धनबाद/ रांची,  जेएनएन। झारखंड में अनलाक-5 के तहत गुरुवार सुबह से धार्मिक स्थल खुलने लगे हैं। छह महीने के लंबे अंतराल के बाद राज्य सरकार ने बीते 30 सितंबर को इससे संबंधित घोषणा की थी। बुधवार को गृह विभाग ने इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिया। इसके बाद धार्मिक स्थल खुलने लगे हैं। धनबाद के प्रमुख मंदिरों में गुरुवार सुबह से ही भक्त पहुंचने लगे हैं। हालांकि अभी काफी सतर्कता बरती जा रही है। शक्ति मंदिर ने तो मंदिर में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है। 

मास्क और छह फीट की दूरी अनिवार्य 

झारखंड सरकार के निर्देश के मुताबिक धार्मिक स्थलों पर मूर्तियों, धार्मिक पुस्तकों और घंटियों को छूने की मनाही रहेगी। सामूहिक भजन और प्रार्थना पर भी रोक रहेगी।  मंदिरों में न तो बलि दी जा सकेगी और न ही पवित्र पानी, भोग और प्रसाद का वितरण ही होगा। सामूहिक प्रार्थना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दरी, चटाई आदि पर भी पाबंदी रहेगी। श्रद्धालु बिछाने के लिए खुद अपने साथ चटाई लाएंगे और फिर उसे वापस ले जाएंगे। श्रद्धालु और पुजारी के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी का भी पालन करना होगा। धर्म स्थलों के भीतर छह फीट की दूरी बनानी होगी।

स्वस्थ भक्तों को ही धार्मिक स्थलों में प्रवेश की अनुमति 

जारी दिशानिर्देश के अनुसार धार्मिक स्थलों में सिर्फ उन्हीं लोगों को प्रवेश मिलेगा, जिन लोगों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं होंगे। धार्मिक स्थलों के बाहर जूते, चप्पल आदि गाडिय़ों में रखने होंगे। इसके लिए प्रबंधन को व्यवस्था बनानी होगी। प्रवेश और निकास की भी अलग-अलग व्यवस्था करनी होगी। धार्मिक स्थलों को रोजाना खोलने के पहले और इसके बाद एक निश्चित अंतराल पर सैनिटाइजेशन करना होगा। इसके अलावा शौचालयों में भी इन व्यवस्थाओं पर ध्यान देना होगा। इतना ही नहीं फेस कवर, मास्क और ग्लव्स का भी उपयोग करना होगा। धार्मिक स्थलों के समीप न तो कोई मेला लगेगा और न ही किसी तरह का जुलूस आदि निकल सकेगा। धार्मिक स्थलों के आसपास मौजूद दुकानें, स्टाल और कैफैटेरिया में भी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना पड़ेगा।

नए प्रावधान देवघर और बासुकीनाथ मंदिर में भी प्रभावी होंगे

धार्मिक स्थलों को लेकर जारी नया प्रावधान देवघर के बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ मंदिर पर भी प्रभावी होगा। फिलहाल वहां आनलाइन पास के जरिए दर्शन की व्यवस्था थी। नए प्रावधान के मुताबिक किसी भी धार्मिक परिसर में एक साथ 50 व्यक्ति से ज्यादा के एकत्रित होने की इजाजत नहीं होगी। धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालु आसपास के क्षेत्र या गलियों में भीड़ नहीं लगाएंगे। धार्मिक स्थलों के भीतर एक दूसरे के बीच छह फीट की दूरी अनिवार्य होगी। अगर किसी धार्मिक स्थान पर इसकी अवहेलना देखी जाएगी तो तत्काल उसके प्रबंधन को स्थानीय प्रशासन से हस्तक्षेप करने का आग्रह करना होगा। प्रशासन के हस्तक्षेप और नियमों के लागू होने के बाद ही उस धार्मिक स्थल को खोला जा सकेगा। जिला दंडाधिकारी ज्यादा लोगों की भीड़ होने की स्थिति में ऑनलाइन एंट्री पास की व्यवस्था करेंगे। उसी व्यक्ति को धार्मिक स्थल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी जिसने फेस कवर और मास्क लगा रखा हो। पुजारियों के लिए भी यह अनिवार्य होगा। 

शक्ति मंदिर में पूजा के लिए एक दिन पूर्व निबंधन जरूरी 

शक्ति मंदिर प्रबंधन सिमिति के संयुक्त सचिव सुरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि मंदिर में दर्शन से एक दिन पूर्व निबंधन कराना पड़ेगा। इसके लिए आधार कार्ड की छायाप्रति अथवा नंबर अनिवार्य होगा। निबंधन के दौरान ही भक्तों को बता दिया जाएगा कि अगले दिन उन्हें किस समय उपस्थित होना है। तय समय पर वे नहीं आए तो दर्शन करना संभव नहीं होगा। यह व्यवस्था काफी दिनों बाद मंदिर खुलने के कारण भीड़ इकट्ठा होने से रोकने के लिए की जा रही है। अरोड़ा ने बताया कि निर्णय लिया गया कि निर्देश मिलने के बाद मंदिर खुलेगा भी तो सिर्फ माता रानी का दर्शन करने की ही व्यवस्था की जाएगी। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिहाज से किसी भी भक्त की ओर से प्रसाद अथवा अन्य चढ़ावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।  अरोड़ा के मुताबिक सरकार ने दुर्गा पूजा के लिए जो निर्देश जारी किया है उसे ही आधार मानकर मंदिर प्रबंधन ने तैयारी कर रखी है। सुरक्षित दूरी पर घेराव कर दिया गया है। शारीरिक दूरी के तहत भक्त खड़े हों, इसकी भी व्यवस्था की गई है। मास्क पहनकर आना भक्तों के लिए अनिवार्य किया गया है। सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है। 

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