डिजिटल इंडिया के साथ कदमताल करने में सीएमपीएफ की टूटी सांस, जानिए
सीएमपीएफ का अपना आईबीएम सर्वर है। रेलटेल की व्यवस्था से नेट का संचालन होता है, पर डाटा इंट्री नहीं होने से कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। डिजिटल इंडिया का काम सीएमपीएफ में नहीं दिख रहा है। तत्कालीन कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने रांची में सिंतबर 2016 में सीएमपीएफ की ऑनलाइन सेवा की शुरुआत की थी। उद्घाटन के कुछ माह तक चलने के बाद यह पूरी तरह से फेल हो गई। मौजूदा समय में ऑनलाइन व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। सीएमपीएफ की 1176 यूनिट है, जो जम्मू कश्मीर से लेकर असम तक फैली है। आंकड़े के अनुसार 42 यूनिट ही ऑनलाइन सेवा से जुड़े हैं। बता दें कि इसमें कोल सेक्टर के करीब साढ़े तीन लाख सदस्य हैं तथा इसकी कुल सदस्यों की संख्या 9.5 लाख के करीब है।
सीवीओ ने की बैठक : सीवीओ राजेंद्र अग्र्रवाल ने एमसीएल क्षेत्र का दौरा कर क्षेत्रीय आयुक्त व कोल कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस दिशा में उचित पहल करने का दिशा निर्देश दिया है।
नेटवर्क सबसे बड़ी समस्या : सीएमपीएफ का अपना आईबीएम सर्वर है। रेलटेल की व्यवस्था से नेट का संचालन होता है, पर डाटा इंट्री नहीं होने से कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोलकाता की दो यूनिट जिसमें कोल इंडिया मुख्यालय व टाटा कंपनी, दिल्ली की तीन यूनिट जिसमें कोल इंडिया की इकाई कार्यालय, धनबाद वन की सीएमपीडीआइएल यूनिट सहित 42 यूनिट के पच्चीस हजार लोगों का ही ऑनलाइन डाटा दिखता है। उस पर भी सर्वर सही से काम नहीं करता है।
सभी कंपनी को ऑनलाइन सिस्टम से जुडऩे के लिए कहा गया है, पर कोल कंपनियां इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं। कोल इंडिया डीपी सहित सभी सीएमपीएफ के रीजनल आयुक्त को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है।
- राजेंद्र अग्रवाल, सीवीओ सीएमपीएफ
कहां कितनी यूनिट
धनबाद : 148
दिल्ली : 6
आसनसोल : 113
रांची : 141
बिलासपुर : 59
छिंदबारा : 62
देवघर :7
गोदावरी खनी : 215
जबलपुर : 95
जम्मू : 14
काठगोदाम : 79
कोलकाता : 14
मार्गेरेटा :9
नागपुर :89
संबलपुर : 22
सिंगरोली :20
तालचर :35