गजराज के खौफ से आजाद होगा धनबाद
धनबाद : गजराज के आंतक से जिले को सुरक्षित करने का काम किया जाएगा। इसके लिए एक ऐसा कोरि
धनबाद : गजराज के आंतक से जिले को सुरक्षित करने का काम किया जाएगा। इसके लिए एक ऐसा कोरिडोर (पाथ) बनाया जाएगा, जहां से हाथियों का झूंड बिना जानमाल की क्षति पहुंचाए जिले से बाहर निकल जाए। उक्त बातें धनबाद वन प्रमंडल के नए डीएफओ विमल लकड़ा ने कहीं। लकड़ा ने सोमवार को निवर्तमान डीएफओ सौरभ चंद्रा से पदभार लिया।
विमल लकड़ा इसके पूर्व सामाजिक वानकी प्रमंडल रांची में थे। वहीं, सौरभ चंद्रा का तबादला दुमका कर दिया गया है। नए डीएफओ लकड़ा ने कहा कि हाथियों के लिए क्विक रिस्पांस टीम भी स्थानीय स्तर पर काम करेगी। विभाग की ओर से किए गए पौधरोपण व चल रही योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे। इस अवसर पर वन अराजपत्रित कर्मचारी संघ के जिला महामंत्री धर्मेद्र कुमार ने नए डीएफओ का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सहायक लिपिकों के बीच आपसी तालमेल की कमी है, जिसका खामियाजा वनरक्षियों के साथ साथ विकास कार्यो पर भी पड़ रहा है। ऐसे में वनों की सुरक्षा पर सवाल प्रश्नचिन्ह लग रहा है। इस अवसर पर विभाग के कर्मचारी व अधिकारी मौजूद थे।
विभाग के लिए चुनौती है गजराज
नए डीएफओ ने भले ही हाथियों से आमलोगों को निजात दिलाने की बात कही है, लेकिन हाथियों से जानमाल को सुरक्षित रखने में विभाग को नाकों चने चबाना होगा। हाथियों के लिए अलग से कोई कोरिडोर नहीं बना सका है, वहीं क्विक रिस्पांस टीम बनाने में भी विभाग अभी तक नाकाम रहा है। हाथियों का झुंड भले ही बाहर चला गया है, लेकिन चकमार में अभी भी अपनी मौसी के साथ एक हाथी का बच्चा मौजूद है। नए डीएफओ के लिए हाथियों से निपटना सबसे बड़ी चुनौती होगी।