नवंबर में शुभ मुहूर्त नहीं, दिसंबर से फिजां में गूंजेगी शहनाई

कार्तिक महीना में शुक्ल एकादशी अर्थात्देवोत्थानी एकादशी के बाद आमतौर पर लगन का मुहूर्त शुरू हो जाता है। देवोत्थानी एकादशी 19 नवंबर को है।

By Edited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 07:28 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 12:28 PM (IST)
नवंबर में शुभ मुहूर्त नहीं, दिसंबर से फिजां में गूंजेगी शहनाई
नवंबर में शुभ मुहूर्त नहीं, दिसंबर से फिजां में गूंजेगी शहनाई
जागरण संवाददाता, धनबाद: कार्तिक महीना में शुक्ल एकादशी अर्थात्देवोत्थानी एकादशी के बाद आमतौर पर लगन का मुहूर्त शुरू हो जाता है। देवोत्थानी एकादशी 19 नवंबर को है। विवाह मुहूर्त में गुरु व शुक्र को अस्त नहीं होना चाहिए तथा सूर्य को भी गुरु की राशि में नहीं होना चाहिए।
13 नवंबर को ही गुरु अस्त हो गए, इसलिए देवोत्थानी एकादशी के उपरांत भी विवाह कार्य मुहूर्त गुरु अस्त के कारण नहीं बन रहा है। गुरु उदय 7 दिसंबर शुक्रवार को हो रहे हैं। इसके बाद मांगलिक कार्य मुहूर्त प्रारंभ होंगे। पंडित रमाशंकर तिवारी के अनुसार 10 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच विवाह मुहूर्त बन रहे हैं।
दिसंबर मध्य से जनवरी मध्य तक खरमास में मंगल कार्य वर्जित होने से मुहूर्त का अभाव रहेगा। खरमास रविवार 16 दिसंबर को संध्या 6.25 बजे से शुरु होकर 14 जनवरी को रात 2.13 बजे तक रहेगा। जनवरी 2019 में पुन: विवाह मुहूर्त का प्रारंभ 17 जनवरी से होगा। 17 जनवरी से 13 मार्च तक विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं।
दिसंबर से मार्च तक विवाह कार्य के मुहूर्त
दिसंबर - 10, 12, 13 व 15
जनवरी - 17, 18, 22, 23, 25, 26, 26, 27, 28, 29, 30, 31
फरवरी - 1, 8, 9, 10, 13, 19, 20, 21, 22, 26, 28
मार्च - 2, 7, 8, 9, 12, 13
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