एफएसटी को मासस समर्थकों ने घेरा, बिजली के खंभों व घरों पर जबरन लगा रखे थे पार्टी के झंडे Dhanbad News

मासस समर्थकों ने झंडा उतारने गई एफएसटी को निरसा के भालजोरिया रोड में घेर लिया। मासस समर्थकों ने टीम पर भेदभाव का आरोप लगाया। हालांकि एफएसटी ने इससे इंकार किया है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 08:48 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 08:48 PM (IST)
एफएसटी को मासस समर्थकों ने घेरा, बिजली के खंभों व घरों पर जबरन लगा रखे थे पार्टी के झंडे Dhanbad News
एफएसटी को मासस समर्थकों ने घेरा, बिजली के खंभों व घरों पर जबरन लगा रखे थे पार्टी के झंडे Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। सरकारी जमीन एवं बिजली के खंभे से राजनीतिक दलों का झंडा उता रही एफएसटी (फ्लाइंग स्काउट) की टीम को निरसा के भालजोरिया रोड में मासस समर्थकों ने घेर लिया। बाद में सूचना पाकर पहुंचे निरसा थाना प्रभारी ने टीम के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान बिजली के खंभों एवं आवासों पर लगे भाजपा के 19 एवं मासस के 16 झंडे जब्त किया गया।

इस संबंध में निरसा थाना में एफएसटी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। टीम के लीडर सह अंचल निरीक्षक ने बताया कि भ्रमण के क्रम में निरसा भालजोरिया रोड में बिजली के खंभों एवं कई लोगों के आवासों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के झंडे लगे हुये पाये गये। हमलोग झंडे उतारने लगे। इसी दौरान मासस के समर्थक ग्रामीण आकर विरोध करने लगे तथा जब्त झंडे को छीनने का प्रयास किया।

मासस समर्थक ग्राणीणों व एफएसटी में नोक-झोक

अंचल निरीक्षक ने बताया कि मासस समर्थकों को समझाते रहे, परंतु वें हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों ने हमलोगों के वाहनों के आगे अपनी बाइक में लगा दी। जबकि सभी राजनीतिक दलों को पूर्व में जानकारी दे दी गई थी कि बिजली के खंभों और सरकारी संपत्तियों पर किसी भी दल का झंडा नहीं लगाया जाएगा।

राजनीतिक दलों ने बिना गृहस्वामी से परमिशन के लगाए झंडे

उन्होंने बताया कि यदि किसी के घर पर राजनीतिक दल झंडा या बैनर लगाते हैं तो इसके लिए गृहस्वामी से परमिशन लेना आवश्यक है। हमने घरों से झंडा खोलते समय गृहस्वामी से पूछा कि क्या आपकी इजाजत से झंडा लगाया गया है तो उन्होंने इससे इनकार किया। इसके बाद हमलोगों ने झंडा खोला। भेदभाव का आरोप गलत है। 

मासस समर्थकों ने लगाया भेदभाव का आरोप

वहीं मासस समर्थकों का कहना है कि टीम द्वारा भेदभाव किया जा रहा था। समर्थकों ने कहा कि हमने जिनके भी घरों पर पार्टी के झंडे लगाए थे, उनसे परमिशन मिला हुआ था। टीम के सदस्यों द्वारा सिर्फ मासस का झंडा खोला जा रहा था। जबकि भाजपा का झंडा खोलने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा था। इसी बात का हमलोगों ने विरोध किया।

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