बीसीसीएल के पांच टीबी जांच केंद्र पर लटका ताला, जांच बंद

मोहन गोप धनबाद धनबाद सहित पूरे देश में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए एक ओर केंद्र और राज्य सरकार जहां लगातार कोशिश कर रही है। वहीं जिले में समन्वय स्थापित नहीं होने की वजह से टीबी मरीजों की सही से पहचान हो पा रही है और ना ही इनका इलाज हो पा रहा है। जिले में बीसीसीएल के पांच टीबी जांच घर पर ताला लटक गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 06:15 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 06:15 AM (IST)
बीसीसीएल के पांच टीबी जांच केंद्र पर लटका ताला, जांच बंद
बीसीसीएल के पांच टीबी जांच केंद्र पर लटका ताला, जांच बंद

मोहन गोप, धनबाद

धनबाद सहित पूरे देश में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए एक ओर केंद्र और राज्य सरकार जहां लगातार कोशिश कर रही है। वहीं जिले में समन्वय स्थापित नहीं होने की वजह से टीबी मरीजों की सही से पहचान हो पा रही है और ना ही इनका इलाज हो पा रहा है। जिले में बीसीसीएल के पांच टीबी जांच घर पर ताला लटक गया है। यहां पर नए मरीजों की पहचान भी बंद हो गई है। बीसीसीएल प्रबंधन स्वास्थ्य कर्मियों और लैब टेक्नीशियन की कमी की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी बीसीसीएल प्रबंधन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। कोलियरी इलाके में नहीं हो रही है सैंपल की जांच

बीसीसीएल के कोलियरी इलाके में टीबी से संभावित मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में टीबी के मरीजों के समय तक पहचान नहीं होने के कारण इसके 2025 तक के उन्मूलन की तैयारी बाधित हो रही है। बीसीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल भूली, क्षेत्रीय अस्पताल कुस्तौर, क्षेत्रीय अस्पताल कतरास, क्षेत्रीय अस्पताल जियलगोड़ा और क्षेत्रीय अस्पताल बाघमारा में टीबी जांच केंद्र थे, लेकिन अब यहां पर सभी कामकाज बंद कर दिए गए हैं। बीसीसीएल के कुछ कर्मचारी रिटायर हो गए, तो कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया है। मात्र केंद्रीय अस्पताल में हो रही जांच, जिले में 31 केंद्र

बीसीसीएल की ओर से मात्र केंद्रीय अस्पताल स्थित लैब में मरीजों की जांच हो रही। जून महीने में यहां पर 580 लोगों की जांच की गई है। जिसमें 10 टीबी के मरीज मिले हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरे जिले में 31 टीबी जांच केंद्र स्थापित है। यहां पर संक्रमित मरीजों की पहचान और संक्रमित पाए जाने पर उसके इलाज के लिए दूसरे जगह भेजने की व्यवस्था है। हालांकि इसमें बीसीसीएल के केंद्रीय अस्पताल छोड़कर सभी केंद्र बंद हो गए हैं। प्रत्येक वर्ष मिल रहे हैं ढाई हजार मरीज

जिले में कोरोना के कारण टीबी के मरीजों की कम जांच हो पाई है। अब संक्रमण कम हुआ है, तो एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग टीबी की जांच तेज कर रहा है। जिले में प्रत्येक वर्ष औसतन ढाई हजार लोग टीबी की बीमारी से ग्रसित मिल रहे हैं। समय पर दवा नहीं मिलने की वजह से यह टीबी के मरीज में रेसिस्टेंट केस बढ़ रहे हैं।

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बीसीसीएल प्रबंधन को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। हम बीसीसीएल के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। माइक्रोस्कोप और उपकरण भी देने को कहा है। लेकिन कर्मी बीसीसीएल को ही देना है।

डा. एसएम जफरूल्लाह, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, धनबाद

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