कभी राजनीति में छाए रहते थे ये नेता, अब गुमनाम

धनबाद में भाजपा के स्थापित नेता दूसरे दलों के चमकते सितारों का ‘यूज एंड थ्रो’ करते रहे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Wed, 16 May 2018 12:28 PM (IST) Updated:Wed, 16 May 2018 12:28 PM (IST)
कभी राजनीति में छाए रहते थे ये नेता, अब गुमनाम
कभी राजनीति में छाए रहते थे ये नेता, अब गुमनाम

मृत्युंजय पाठक, धनबाद। अपने-अपने दलों के चमकते सितारे समय-समय पर धनबाद भाजपा में शामिल होते रहे हैं। ऐसे सितारों की फेहरिश्त में सुंदर प्रसाद यादव, मुद्रिका पासवान, उपेंद्र सिंह, देवाशीष पाल, रामकुमार सिंह चौधरी, काजल नाग प्रमुख नाम हैं। ये सभी कभी धनबाद की राजनीति में छाए रहते थे, अब गुमनाम हैं। इनके हश्र को देखते हुए टाइगर फोर्स के जिलाध्यक्ष धर्मजीत सिंह का भाजपा में राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में है।

धनबाद में भाजपा के स्थापित नेता दूसरे दलों के चमकते सितारों का ‘यूज एंड थ्रो’ करते रहे हैं। काम निकलने के बाद दूसरे दलों के नेताओं का भाजपा में भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस राजनीति से आहत होकर मुंद्रिका पासवान ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है तो उपेंद्र सिंह तोड़ने की तैयारी में हैं। मुंद्रिका पासवान लोजपा के जिलाध्यक्ष थे। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा में लगातार उपेक्षा से आहत होकर चार साल बाद पार्टी को छोड़ दिया है। इसी तरह उपेंद्र सिंह ने भी भाजपा के कार्यक्रमों से अपने को अलग कर रखा है। वह जल्द ही भाजपा को बाय-बाय करने की घोषणा करेंगे। उपेंद्र कभी धनबाद जिला कांग्रेस के एक स्तंभ माने जाते थे। युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके उपेंद्र सिंह को कांग्रेस ने एक बार धनबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट देने की भी घोषणा की थी। बड़ी उम्मीद के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे।

सुंदर प्रसाद यादव भी भाजपा में अपनी उपेक्षा से आहत हैं। एक समय धनबाद की राजनीति में उनका जलवा था। वह अविभाजित बिहार के जमाने में राजद के शासन में जिला बीस सूत्री के उपाध्यक्ष पद को सुशोभित किया करते थे। राजद के जिलाध्यक्ष रह चुके सुंदर लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। इसी तरह देवाशीष पाल भी गुमनामी में हैं। पाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला सचिव का पद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनकी पत्नी प्रियंका पाल जिला परिषद की सदस्य है। वह विनोबा भावे विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक बियाबान में भटक रहे हैं।

पूर्व मंत्री समरेश सिंह के साथ झाविमो को छोड़कर रामकुमार सिंह चौधरी विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल हुए थे। चुनाव में चौधरी का भाजपा ने खूब इस्तेमाल किया। इसके बाद चौधरी को भाजपा भूल गई। टाइगर फोर्स के जिलाध्यक्ष धर्मजीत सिंह सोमवार को धूम-धड़ाके के साथ धनबाद जिला भाजपा कार्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अब उनके भविष्य को लेकर पार्टी के अंदरखाने टिप्पणी की जा रही है।

जानें, किसने क्या कहाः

भाजपा की नीति और सिद्धांत से प्रभावित होकर लोग हमारी पार्टी में आते हैं। उपेक्षा की बात गलत है। योग्यता के आधार पर भाजपा में शामिल होने वालों को संगठन में जिम्मेदारी दी जाती है। मुंद्रिका पासवान लोजपा से आए थे और लोजपा में चले गए। उपेंद्र सिंह की नाराजगी की जानकारी नहीं है।

-चंद्रशेखर सिंह, जिलाध्यक्ष, धनबाद भाजपा

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बड़ी उम्मीद के साथ भाजपा में गए थे। चार साल में भाजपा ने किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं दी। खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा हैं। जब तक दूसरे दल में शामिल नहीं हो जाता भाजपा में हूं। जल्द ही निर्णय लूंगा।

-उपेंद्र सिंह, भाजपा नेता

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