आरपीएन ने कांग्रेस को बोला जय हिंद, भाजपा में होंगे शामिल, झारखंड की राजनीति में खलबली

RPN Singh झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे से झारखंड की राजनीति में खलबली मच गई है। कांग्रेस के मंत्री और विधायक सकते हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 11:30 AM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 01:34 PM (IST)
आरपीएन ने कांग्रेस को बोला जय हिंद, भाजपा में होंगे शामिल, झारखंड की राजनीति में खलबली
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ आरपीएन सिंह और उनका कांग्रेस से त्याग पत्र।

जागरण संवाददाता, धनबाद। RPN Singh देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री और झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है। सिंह को भाजपा यूपी के पडरौना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहती है। सिंह का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। उनके इस्तीफा के बाद झारखंड की राजनीति में खलबली मच गई है। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्री सहम गए हैं। कांग्रेस के विधायक भी सकते हैं। माना जा रह है कि इसका असर झारखंड की राजनीति पर भी पड़ेगा। 

Today, at a time, we are celebrating the formation of our great Republic, I begin a new chapter in my political journey. Jai Hind pic.twitter.com/O4jWyL0YDC

— RPN Singh (@SinghRPN) January 25, 2022

स्वामी प्रसाद के सामने होंगे आरपीएन

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की गर्मी चरम पर है। बड़े-बड़े नेता दल बदल रहे हैं। इसी क्रम में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह के भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। पडरौना के विधायक और मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोड़ सपा में चले गए हैं। उन्हें शिकस्त देने के लिए भाजपा ने उनके सामने आरपीएन सिंह को उतारने की रणनीति बनाई है। इसी क्रम में आरपीएन सिंह को भाजपा ने ऑफर दिया है। सिंह वहां से सांसद रह चुके हैं। और उनका अच्छा प्रभाव है।

सकते में झारखंड कांग्रेस के मंत्री- विधायक

आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने का असर झारखंड की राजनीति में पड़ सकता है। सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी थे। उन्होंने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद के बीच चुनावी गठबंधन बनाया था। यह गठबंधन सफल रहा है। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी। कांग्रेस के पांच विधायक मंत्री बनाए गए। अब देखना होगा कि उनके पार्टी छोड़ने के बाद झारखंड कांग्रेस की राजनीति पर क्या असर पड़ता है ?

झारखंड कांग्रेस पर नहीं पड़ेगा कोई असर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आरपीएन सिंह के पार्टी से इस्तीफे को गलत निर्णय बताया है। उन्होंने कहा है-कांग्रेस ने आरपीएन सिंह को बहुत सम्मान और अवसर दिया। उनका निर्णय गलत है। हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि उनके कांग्रेस छोड़ने से झारखंड की राजनीति में कोई असर नहीं पड़ेगा। 

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