अब नहीं सुनाई देगी ऐसी आवाज...गार्ड ध्यान दें, प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी ट्रेन को यार्ड में ले जाएं

गंगा सतलज एक्सप्रेस के गार्ड ध्यान दें प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी ट्रेन को यार्ड में ले जाएं...। ऐसी घोषणा अब नहीं होंगी। इसके बदले में अनाउंसमेंट होगा मेल एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर ट्रेन को यार्ड में ले जाएं ... ।

By Atul SinghEdited By: Publish:Fri, 14 Jan 2022 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jan 2022 04:41 PM (IST)
अब नहीं सुनाई देगी ऐसी आवाज...गार्ड ध्यान दें, प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी ट्रेन को यार्ड में ले जाएं
रेलवे बोर्ड में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे गार्ड के सिर्फ पद नाम बदले गए हैं।

जागरण संवाददाता धनबाद : गंगा सतलज एक्सप्रेस के गार्ड ध्यान दें, प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी ट्रेन को यार्ड में ले जाएं...। ऐसी घोषणा अब नहीं होंगी। इसके बदले में अनाउंसमेंट होगा मेल एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर ट्रेन को यार्ड में ले जाएं ... । कई वर्षों से रेलवे के गुड्स गार्ड और यात्री ट्रेन गार्ड के पदनाम बदलने की घोषणा हो रही थी। पिछले साल रेल मंत्रालय ने पदनाम बदलने के प्रस्ताव पर मंजूरी की मुहर लगा दी थी। अब रेलवे बोर्ड ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। रेलवे बोर्ड के एक डायरेक्टर पे कमीशन-2 एमके गुप्ता ने सभी जोनल रेलवे में पदनाम बदलने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है।

सिर्फ पद नाम बदलेगा अन्य कोई फेरबदल नहीं

रेलवे बोर्ड में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे गार्ड के सिर्फ पद नाम बदले गए हैं। उनका पे लेवल, नियुक्ति की प्रक्रिया, मौजूदा जिम्मेदारियां और दायित्व और उन्हें मिलने वाली प्रोन्नति में कोई बदलाव नहीं होगा।

किस श्रेणी के गार्ड को क्या मिला पदनाम 1900 ग्रेड पे वाले असिस्टेंट गार्ड असिस्टेंट पैसेंजर ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। 2800 ग्रेड पे वाले गुड्स गार्ड यानी मालगाड़ी के गार्ड अब गुड्स ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। 4200 ग्रेड पे वाले सीनियर गुड्स गार्ड सीनियर गुड्स ट्रेन मैनेजर कहे जाएंगे। 4200 ग्रेड पे वाले सीनियर पैसेंजर कार्ड सीनियर पैसेंजर ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे। 4200 ग्रेड पे वाले मेल एक्सप्रेस गार्ड मेल एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे।

ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने किया स्वागत

रेलवे बोर्ड से जारी अधिसूचना का पूर्व मध्य रेल मान्यता प्राप्त यूनियन ने स्वागत किया है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने बताया कि रेलवे बोर्ड स्तर पर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन में कई बार इस मुद्दे को उठाया था। यूनियन की पहल रंग लाई। आखिरकार रेलवे बोर्ड ने पदनाम बदलने का आदेश जारी कर दिया।

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