सात मिनट पहले कोरोना पॉजिटिव, फिर निगेटिव

गोविदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मृत डॉ. एसएस लाल की कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। तीसरी रिपोर्ट में डॉक्टर लाल को कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं बताया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 06:20 AM (IST)
सात मिनट पहले कोरोना पॉजिटिव, फिर निगेटिव
सात मिनट पहले कोरोना पॉजिटिव, फिर निगेटिव

जेएनएन, धनबाद : गोविदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मृत डॉ. एसएस लाल की कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। तीसरी रिपोर्ट में डॉक्टर लाल को कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं बताया गया है। हालांकि इससे पहले की दो रिपोर्ट को लेकर पीएमसीएच और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में जिच बरकरार रहा। दरअसल, सदर अस्पताल केट्रू नेट मशीन से रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जबकि पीएमसीएच के ट्रू नेट मशीन से रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इस स्थिति को देखते हुए ही आरटी पीसीआर के लिए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। अब यह रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन सरकारी व्यवस्था पर इस जांच के बाद सवाल उठने लगे हैं। आखिर दर्जनों लोगों की जांच करने वाली अलग-अलग ट्रूनेट मशीनों से ऐसी विरोधाभाषी रिपोर्ट कई सवाल खड़ा करती है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कम वायरस के कारण हो सकता है। विभाग के अधिकारियों के जो भी तर्क हो, लेकिन सवालिया निशान लगना लाजिमी है।

7 मिनट में आई अलग-अलग रिपोर्ट

डॉ. लाल का सबसे पहले सदर अस्पताल के ट्रूनेट मशीन से जांच के लिए शनिवार दोपहर 1:50 पर सैंपल लगाया गया। वहीं पीएमसीएच में 1:57 पर सैंपल लगाया गया। लगभग 4:00 बजे दोनों की रिपोर्ट आई। सदर की रिपोर्ट में वह संक्रमित पाए गए, जबकि पीएमसीएच में संक्रमण नहीं बताया गया। अब एक ही मशीन से अलग-अलग रिपोर्ट से डॉक्टर भी सकते में हैं। सदर अस्पताल व पीएमसीएच में ट्रूनेट से जांच होती है। दोनों एक ही मशीन है, फिर भी अलग-अलग रिपोर्ट सवाल खड़ा करी है।

ट्रूनेट से हर दिन होती है 250 जांच

ट्रूनेट मशीन से सदर अस्पताल व पीएमसीएच की ट्रूनेट मशीन से हर दिन लगभग 250 लोगों की जांच होती है। इसी जांच के आधार पर संबंधित व्यक्ति को संक्रमित घोषित किया जाता है। फिर उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाता है। दोनों लैब में अलग-अलग टेक्नीशियनों व चिकित्सकों की टीम लगी है। सबसे ज्यादा जांच सदर अस्पताल में ही होती हैं। धैया के मामले में भी हुआ था हंगामा

धैया में एक युवक की जांच रिपोर्ट को लेकर पीएमसीएच में पिछले दिनों हंगामा हुआ था। दरअसल, युवक की मौत के बाद पीएमसीएच के ट्रूनेट से रिपोर्ट निगेटिव आई थी। शव को लेकर स्वजन घर आ गए, तभी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आ गई। इसमें युवक संक्रमित पाया गया था।

तोपचांची के मजदूर निगेटिव

तोपचांची के एक युवक की रिपोर्ट को लेकर पिछले भी पिछले दिनों हंगामा हुआ। युवक की रिपोर्ट पीएमसीएच के ट्रूनेट से निगेटिव आई थी, लेकिन आरटीपीसीआर में वह पॉजिटिव आ गया। इस पर भी जांच व्यवस्था पर सवालिया निशान उठते रहे। वर्जन

डॉ. लाल की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है। ऐसा कई बार होता है। कम वायरस के कारण हो सकता है। लेकिन पीएमसीएच में जांच में वायरस नहीं डिटेक्ट हो पाए हैं।

डॉ. शैलेंद्र कुमार, प्राचार्य, पीएमसीएच। वर्जन डॉ. लाल की सदर में कराई गई जांच पाजिटिव निकली है। उन्हें लो वायरस डिटेक्ट पाया गया है। इसकी सूचना भी सीएस को दी गई है। हालांकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है।

डॉ. राजकुमार, प्रभारी सदर अस्पताल

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डॉ. लाल के स्वजन मुआवजा के लिए अब नहीं कर सकते क्लेम

आरटी पीसीआर की रिपोर्ट आने के बाद डॉ. लाल के स्वजन मुआवजा के लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं। सिविल सर्जन डॉक्टर गोपाल दास का कहना है आरटी पीसीआर के रिपोर्ट के अनुसार ही मुआवजा के लिए क्लेम किया जा सकता है। लेकिन अब रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। आइएमए ने किया विरोध

आइएमए के जिला सचिव डॉ सुशील कुमार ने जांच रिपोर्ट का विरोध किया है। डॉ. कुमार ने कहा कि रैपिड किट व ट्रूनेट से लोगों को जांच कर कोविड में भर्ती कराया जा रहा है। फिर आरटीपीसीआर की जरूरत क्या है। मृत व्यक्ति के शरीर में वायरस ज्यादा देर तक जिदा नहीं रहता है। ऐसे में रिपोर्ट बार-बार प्रभावित हो सकती है।

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