रंजय हत्याकांड में हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद हर्ष की बढ़ी मुश्किलें

झरिया विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की हत्या में हर्ष सिंह अप्राथमिक अभियुक्त है। हर्ष पर आरोप है कि उसी ने रंजय सिंह की हत्या की साजिश रची थी।

By mritunjayEdited By: Publish:Wed, 31 Oct 2018 12:55 PM (IST) Updated:Wed, 31 Oct 2018 12:55 PM (IST)
रंजय हत्याकांड में हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद हर्ष की बढ़ी मुश्किलें
रंजय हत्याकांड में हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद हर्ष की बढ़ी मुश्किलें

धनबाद, जेएनएन। झरिया के विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह हत्याकांड की कानूनी लड़ाई में भी दिलचस्प उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस मामले में नामजद अभियुक्त रुना सिंह उर्फ नंद कुमार सिंह के बयान के आधार पर अभियुक्त बनाए गए हर्ष सिंह को गिरफ्तार करने में पुलिस को अब तक सफलता नहीं मिली है। दूसरी तरफ हर्ष को हाइकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है।

धनबाद पुलिस का दबाव बढ़ने के बाद छह अक्तूबर को हर्ष सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय में एंटीसिपेटरी बेल की अर्जी दी थी। सुनवाई के बाद मंगलवार को जस्टिस अनंत विजय सिंह ने हर्ष की याचिका को खारिज कर दिया। जमानत अर्जी ठुकराए जाने के बाद हर्ष पर गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया है।

रंजय हत्याकांड में अप्राथमिकी अभियक्तः झरिया विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की हत्या में हर्ष सिंह अप्राथमिक अभियुक्त है। हर्ष पर आरोप है कि उसी ने रंजय सिंह की हत्या की साजिश रची थी। उसके इशारे पर 29 जनवरी 2017  को आरा बेरथ निवासी रूना सिंह उर्फ नंद कुमार उर्फ बबलू सिंह उर्फ मामा और उसके सहयोगी ने रंजय सिंह को गोली मारी थी। मामा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हर्ष सिंह को इस मामले में आरोपी बनाया था। गिरफ्तारी वारंट के बाद पुलिस ने हर्ष सिंह के घर कुर्की के इश्तेहार का तामिला किया था। हर्ष ने इश्तेहार के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने इश्तेहार संबंधी सीजेएम और सेशन कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के रुख के बाद पुलिस सुस्त हो गई। हर्ष की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। फरारी में हर्ष सिंह को कानूनी दांव-पेच की छूट मिली हुई है।

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