11 लाख लीटर पानी बचा एकलव्य ने किया कमाल, पड़ोस भी खुशहाल Dhanbad News

एकलव्य प्रसाद ने इस साल 21 जून से 10 अगस्त के बीच हुई बारिश में सवा चार लाख लीटर जल संग्रह किया है जबकि पूरे साल में वह 11 लाख लीटर पानी बचा चुके हैं।

By mritunjayEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 11:36 AM (IST) Updated:Sun, 18 Aug 2019 09:38 AM (IST)
11 लाख लीटर पानी बचा एकलव्य ने किया कमाल, पड़ोस भी खुशहाल Dhanbad News
11 लाख लीटर पानी बचा एकलव्य ने किया कमाल, पड़ोस भी खुशहाल Dhanbad News

धनबाद [आशीष सिंह]। तीन साल पहले 2016 में धनबाद में काफी कम बारिश हुई थी। जल संकट को देख झाड़ूडीह के एकलव्य प्रसाद बेहद व्यथित थे। फिर सोचा दुखी होने से क्या फायदा। क्यों न इस संकट का कुछ निदान ढूंढा जाय। काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने बारिश के दिनों में जल संचय कर भविष्य के लिए पानी सुरक्षित करने का निर्णय लिया। इसके बाद वह अगली ही बरसात से अपने घर में आने वाले बारिश के पानी को सहेजने के काम में जुट गए। लगातार प्रयास के बाद अब उनके घर में आज तीन जगह जल संरक्षण की व्यवस्था हो गई है। यहां बारिश ही नहीं, घरेलू पानी भी एकत्र होता है। उनका जल संचय का जुनून रंग लाया और उन्होंने गत वर्ष 11 लाख लीटर पानी बचा लिया।     
                                                                                                     

बिहार और राजस्थान में भी कर चुके हैं वाटर हार्वेस्टिंग पर कामः एकलव्य प्रसाद ने इस साल 21 जून से 10 अगस्त के बीच हुई बारिश में सवा चार लाख लीटर जल संग्रह किया है, जबकि पूरे साल में वह 11 लाख लीटर पानी बचा चुके हैं। एकलव्य ने बताया कि हर साल अच्छी बारिश हो तो लगभग 27 लाख लीटर जल संचय हो सकता है। एक घर में सालाना करीब दो लाख लीटर पानी खर्च होता है। एकलव्य बिहार में बाढ़ पीडि़तों के लिए जल संग्रह करने के साथ राजस्थान में भी वाटर हार्वेस्टिंग पर काम कर चुके हैं।

नहीं होती पानी की दिक्कत, आस-पड़ोस भी हुआ खुशहालः धनबाद के झाड़ूडीह में स्थित एकलव्य प्रसाद के घर का नाम उत्तरायण है। अपने घर में उन्होंने तीन जगह जल संरक्षण की व्यवस्था की है। घर में वे एक कुएं में पानी री-स्टोर करते हैं। दो अन्य स्थानों पर पानी को भूमि सतह में रिचार्ज करते हैं। यहां घरेलू पानी के साथ बरसात के पानी का भी संचयन किया जाता है। इस युक्ति से उनको पानी की समस्या नहीं होती और जरूरत पर आसपास के लोगों को भी वे पानी उपलब्ध कराते हैं।

रेनफॉल गेज से मापते हैं वाटर हार्वेस्टिंग का स्तरः एकलव्य ने बताया कि संरक्षित किए गए जल को मापने का उनका अपना तरीका है। वर्षापात (रेनफॉल) गेज से पहले मापते हैं कि कितने मिमी बारिश हुई। इसके बाद जितने एरिया का जल संचय हुआ, उस आधार पर आकलन करते हैं कि हमने कितना पानी बचाया है। इस आकलन से पता चला कि गत वर्ष 11 लाख लीटर पानी बचाया है।

हर परिवार अपने घर में बारिश का जल सहेज ले तो जल संकट कभी नहीं हो सकता। इसके अलावा अपने घर के आसपास पौधारोपण भी करें। इससे आने वाली पीढ़ी को जलसंकट और प्रदूषण से निजात मिलेगी। पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।

- एकलव्य प्रसाद, जल संरक्षणकर्ता

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