शुद्ध और साफ की जगह बोरिंग का पानी पिला रहे बॉटलिंग प्लांट, DMC ने शुरू की जांच Dhanbad News

पानी का कारोबार कर रहे बॉटलिंग प्लांट संचालक धनबाद के लोगों को शुद्ध पानी देने के नाम पर धोखा दे रहे हैं। नगर निगम की जांच में कई रोचक खुलासे हुए हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 03 Sep 2019 08:56 AM (IST) Updated:Tue, 03 Sep 2019 08:56 AM (IST)
शुद्ध और साफ की जगह बोरिंग का पानी पिला रहे बॉटलिंग प्लांट, DMC ने शुरू की जांच Dhanbad News
शुद्ध और साफ की जगह बोरिंग का पानी पिला रहे बॉटलिंग प्लांट, DMC ने शुरू की जांच Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। स्टेट ग्राउंड वाटर ऑथोरिटी की रिपोर्ट की मानें तो धनबाद का भूगर्भ जलस्तर 15.7 मीटर नीचे पहुंच चुका है। धनबाद राज्य का दूसरा जिला है, जहां भूगर्भ जलस्तर सबसे कम है। इसकी गंभीरता को देखते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग (राज्य शहरी विकास अभिकरण) ने अवैध रूप से चल रहे बॉटलिंग प्लांट (पानी का जार) की जांच कर स्थितियां सही न पाए जाने पर बंद करने का निर्देश दिया है। इसके आलोक में सोमवार को सिटी मैनेजर विजय कुमार के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने गजुआटांड़, बरमसिया और शनि मंदिर के छह बॉटलिंग प्लांट का औचक निरीक्षण किया। यहां कई खामियां पाई गईं। किसी का भी ट्रेड लाइसेंस नहीं था। पानी का शुद्धता सर्टिफिकेट भी नहीं। इतना ही नहीं फिल्टर करने के बाद 30 से 40 लीटर पानी ऐसे ही बहा दिया जा रहा था, जबकि इसका हार्वेस्टिंग करना है। पानी में टीडीएस की मात्रा कितनी होनी चाहिए, इसकी जानकारी भी कोई नहीं दे सका। सिटी मैनेजर बिजय कुमार ने बताया कि सभी ने कल तक का समय लिया है कि ट्रेड लाइसेंस ले लेंगे और हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था करेंगे। मंगलवार को एक बार फिर इन बॉटलिंग प्लांटों पर दबिश दी जाएगी।

शुद्धता के नाम पर दे रहे धोखाः पानी का कारोबार कर रहे बॉटलिंग प्लांट संचालक धनबाद के लोगों को शुद्ध पानी देने के नाम पर धोखा दे रहे हैं। निगम की जांच में कई रोचक खुलासे हुए हैं। आरओ लगाकर बोरिंग के पानी को शुद्ध बताकर जार व बोतल में पैक कर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। यहां से पीने के पानी का टीडीएस भी सही नहीं मिला। बगैर गुणवत्ता रोजाना हजारों गैलन पानी लोगों को पिला रहे हैं।

दो साल से चला रहे, नहीं लिया ट्रेड लाइसेंसः जांच में यह बात सामने आयी है कि अधिकतर बॉटलिंग प्लांट एक से दो साल से चल रहे हैं। एक-दो ने तो अपना लाइसेंस रिन्युअल भी नहीं कराया। नगर निगम इन पर प्रतिदिन दस रुपये के हिसाब से जुर्माना करने जा रहे हैं। इसके अलावा इन्हें ट्रेड लाइसेंस भी लेना होगा। बॉटलिंग क्षमता के आधार पर ट्रेड लाइसेंस की फीस निर्धारित की गई है।

बॉटलिंग प्लांट से 11 इलाके बने ड्राई जोनः नगर विकास विभाग के उपनिदेशक रामकृष्ण कुमार ने पिछले दिनों नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त को भेजे पत्र में कहा था कि अवैध रूप से संचालित बॉटलिंग प्लांट पर लगाम जरूरी है। अनाधिकृत बॉटलिंग प्लांटों के माध्यम से अत्यधिक भूगर्भीय जल का दोहन किया जा रहा है। इसके कारण बॉटलिंग प्लांटों के नजदीकी क्षेत्र ड्राई जोन में बदलते जा रहे हैं। इसलिए अनाधिकृत रूप से चल रहे बॉटलिंग प्लांटों पर अविलंब कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में जल संकट की स्थिति उत्पन्न न हो। अवैध बॉटलिंग प्लांटों से धनबाद के 11 इलाके ड्राई जोन में आ चुके हैं। जहां बोरिंग का पानी मिलना मुश्किल है, ऐसे इलाकों को ड्राई जोन कहते हैं। ड्राई जोन में बैंकमोड़, धोवाटांड़, टेलीफोन एक्सचेंज रोड, चांदमारी, धनसार, बस्ताकोला, झरिया, बाघमारा के कोलियरी क्षेत्र और निरसा के कोलियरी क्षेत्र शामिल हैं। पिछले वर्ष शहरी क्षेत्रों में जहां 12 मीटर पर पानी मिल जाता था। वहां अब 15 मीटर पर पानी मिल रहा है। कोलियरी क्षेत्रों में स्थिति इससे भी खराब है। कोलियरी क्षेत्रों में पहले जहां 14 से 15 मीटर में पानी मिल जाता था, वहां अब 17 से 18 मीटर पर पानी मिल रहा है।

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